कोयला उद्योग में एमडीओ मॉडल और रेवेन्यू शेयरिंग का विरोध
कोयला उद्योग में एमडीओ मॉडल और रेवेन्यू शेयरिंग का विरोध
गोमिया. सीसीएल कथारा क्षेत्र अंतर्गत स्वांग-गोविंदपुर फेस-2 परिसर में बुधवार को एनसीओइए (सीटू) की ओर से कोयला मजदूरों के साथ पिट मीटिंग की गयी. अध्यक्षता स्वांग शाखा अध्यक्ष राजकुमार मल्लाह ने की. अतिरिक्त महासचिव सह सीसीएल वेलफेयर बोर्ड के सदस्य प्रदीप कुमार विश्वास ने कहा कि केंद्र सरकार के इशारे पर कोल इंडिया पूरे कोयला उद्योग को एमडीओ मॉडल और रेवेन्यू शेयरिंग पर चलाने की साजिश कर रही है. इसका पुरजोर विरोध सीटू समेत सभी मजदूर यूनियनें करेगी. कोयला उद्योग को पूंजीपतियों को देने की साजिश है. एमडीओ मॉडल में कोलियरियों के संसाधन को आउटसोर्सिंग कंपनी, निजी मालिकों को सौंप दिया जायेगा. रेवेन्यू शेयरिंग के तहत खुलने वाली नयी कोलियरियाें में कोयला उत्पादन और िबिक्री निजी कंपनियां करेंगी. ऐसा हुआ तो स्थाई मजदूरों की जरूरत खत्म हो जायेगी. कोयला उद्योग का मुनाफा सरकार की जगह निजी कंपनियों को होगा. सीएसआर के तहत विकास कार्य बंद हो जायेगा. विस्थापितों को नौकरी देने के प्रावधान पर रोक लग जायेगी. इसलिए मजदूरों समेत विस्थापितों को मिल कर एमडीओ मॉडल और रेवेन्यू शेयरिंग का विरोध करना होगा. सीटू नेता राकेश कुमार व गौतम राम ने कहा कि कोयला उद्योग और कोयला के बाजार पर केंद्र सरकार का नियंत्रण रहना चाहिए. बंगाली पासवान, प्रदीप पासवान ने भी संबोधित किया. मौके पर कई मजदूर उपस्थित थे.
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