Bokaro News : सीबी एक्ट में संशोधन प्रस्ताव का विरोध
Bokaro News : विस्थापित संघर्ष समन्वय समिति की बैठक फुसरो स्थित जेसीएसयू कार्यालय में हुई. कोल मंत्रालय द्वारा लाये गये सीबी एक्ट 1857 के संशोधन प्रस्ताव का विरोध करने का निर्णय लिया गया.
फुसरो. विस्थापित संघर्ष समन्वय समिति की बैठक रविवार को झब्बू सिंह महिला कॉलेज फुसरो स्थित जेसीएसयू कार्यालय में हुई. अध्यक्षता केंद्रीय अध्यक्ष सूरज महतो ने की. 18 दिसंबर को बिनोद बिहारी महतो की पुण्यतिथि मनाने, समिति की नाम में संशोधन और कोल मंत्रालय द्वारा लाये गये सीबी एक्ट 1857 के संशोधन प्रस्ताव का विरोध करने का निर्णय लिया गया. केंद्रीय अध्यक्ष ने कहा कि सीबी एक्ट में संशोधन कर राज्य सरकार का लीज का प्रस्ताव बनाया गया है. इसके तहत नवीकरण समाप्त किया जायेगा. इसका समिति पुरजोर तरीके से विरोध करती है. इस एक्ट के तहत रैयतों को जमीन का मुआवजा नहीं लेने पर सरकारी खजाने में राशि जमा कर दी जायेगी. समन्वय समिति बाजार दर के मुताबिक रैयतों की जमीन का मुआवजा देने की मांग करती है. इधर, समिति के नाम झारखंड विस्थापित संघर्ष समन्वय समिति किया गया. बैठक में धनेश्वर महतो, दशरथ महतो, चंद्रदेव महतो, हरखलाल महतो, रवींद्र कुमार, शिवचरण महतो आदि मौजूद थे.
ढोरी स्टेडियम निर्माण के विरोध में कल प्रदर्शन करेंगे विस्थापित
फुसरो. सीसीएल ढोरी और बीएंडके क्षेत्र के विस्थापितों की बैठक रविवार को ढोरी बस्ती स्थित गणेश मंदिर परिसर में जागेश्वर महतो की अध्यक्षता में हुई. संचालन खतियानी विस्थापित समिति के अध्यक्ष मोहन महतो ने किया. ढोरी फुटबॉल ग्राउंड की जमीन को रैयती बताते हुए यहां किये जा रहे स्टेडियम निर्माण का विरोध किया गया. सीसीएल से नौकरी और मुआवजा की मांग को लेकर 17 दिसंबर को प्रदर्शन करने का निर्णय लिया गया. रैयतों ने कहा कि नियोजन और मुआवजा देने के बाद ही सीसीएल स्टेडियम निर्माण की अनुमति दे. समिति के अध्यक्ष मोहन महतो और पूर्व वार्ड पार्षद सहोदरी देवी ने कहा कि इस जमीन का सीसीएल ने अधिग्रहण नहीं किया है, सिर्फ नोटिफिकेशन किया गया है. आज भी इस जमीन का मालगुजारी रसीद हमलोगों के पूर्वजों के नाम पर कट रहा है. उपायुक्त, बेरमो सीओ सहित जनप्रतिनिधियों को भी मांग पत्र दिया गया, लेकिन कोई कार्रवाई नहीं हुई. बेरमो अंचल अंतर्गत रैयतों की 850.66 एकड़ और अमलो मौजा का 69 एकड़ जमीन है सीसीएल ढोरी क्षेत्र द्वारा रामगढ़ एवं बोकारो कंपनी लिमिटेड द्वारा लीज डील नंबर 2267 वर्ष 3.12.1936 बतायी गयी है, जो गलत है. उक्त जमीन सीएनटी एक्ट की धारा 6 में परिभाषित है, जबकि 1972-73 में कोलियरी नेशनलाइज्ड हुआ, जिसमें ऐसा कोई प्रावधान नहीं है कि रैयतों को मालिकाना हक से वंचित रखा जाये. श्री महतो ने कहा कि यदि रैयतों को अधिकार नहीं मिला तो जोरदार आंदोलन किया जायेगा. बैठक में विश्वनाथ महतो, बैजनाथ महतो, चिंतामणि महतो, बासुदेव रविदास, हरि तुरी, मो बबलू, विकास कुमार महतो, मिथिलेश महतो, सहदेव महतो, ईश्वरलाल महतो, प्रेमचंद ठाकुर, प्रीतम महतो, अघनू महतो आदि उपस्थित थे.
डिस्क्लेमर: यह प्रभात खबर समाचार पत्र की ऑटोमेटेड न्यूज फीड है. इसे प्रभात खबर डॉट कॉम की टीम ने संपादित नहीं किया है