झारखंड के 54 लाख से अधिक घरों को नल से मिलेगा शुद्ध जल, सीएम हेमंत सोरेन ने दिये ये निर्देश
रांची : झारखंड के मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन ने पेयजल एवं स्वच्छता विभाग के कार्यों की समीक्षा के क्रम में कहा कि झारखंड में ग्रामीण जलापूर्ति योजना के तहत घर-घर नल से जल उपलब्ध कराने के कार्य में तेजी लाएं. राज्य के 54 लाख से अधिक घरों को इस योजना से जोड़ना है. इसके लिए समयबद्ध तरीके से कार्य पूर्ण करें, ताकि ग्रामीणों को नल से शुद्ध जल उपलब्ध हो सके.
रांची : झारखंड के मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन ने पेयजल एवं स्वच्छता विभाग के कार्यों की समीक्षा के क्रम में कहा कि झारखंड में ग्रामीण जलापूर्ति योजना के तहत घर-घर नल से जल उपलब्ध कराने के कार्य में तेजी लाएं. राज्य के 54 लाख से अधिक घरों को इस योजना से जोड़ना है. इसके लिए समयबद्ध तरीके से कार्य पूर्ण करें, ताकि ग्रामीणों को नल से शुद्ध जल उपलब्ध हो सके.
मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन ने कहा कि अगर समयबद्ध तरीके से कार्य पूर्ण नहीं किया गया, तो कई परिवार इस योजना का लाभ लेने से वंचित रह जाएंगे. इसलिए समयबद्धता एवं गुणवत्ता पर विशेष ध्यान दें. कार्य की गति को बढ़ाएं. मुख्यमंत्री ने कहा कि लघु जलापूर्ति योजना के तहत पंचायत/टोला स्तर पर ग्रामीणों को सौर ऊर्जा आधारित बोरिंग के माध्यम से जल उपलब्ध कराया जा रहा है. उसके रख-रखाव के प्रति ग्रामीणों को जागरूक करना जरूरी है. इसके रख-रखाव को लेकर किसी प्रकार की कोताही न हो. ग्रामीण क्षेत्र में बन रहे रिचार्ज पिट के आकार में वृद्धि करें. भूगर्भीय जल के संवर्धन पर भी ध्यान देना जरूरी है.
मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन ने कहा कि साहिबगंज, दुमका समेत अन्य स्थानों में निवास करने वाले आदिम जनजाति परिवार को उपलब्ध कराए जा रहे पेयजलापूर्ति योजना से संबंधित वीडियो साझा करें. इसके साथ ही निर्माणाधीन 260 योजनाओं का कार्य जल्द पूर्ण करें. पेयजलापूर्ति योजना को पूर्ण करने में जितनी भी अन्तर-विभागीय मामले हैं, उनके लिए मुख्य सचिव स्तर पर बैठक बुला कर समस्या का निदान किया जाए.
मुख्यमंत्री ने कहा कि स्वच्छ भारत मिशन के तहत निर्मित शौचालय का सर्वे कराएं. लाभुक इसका उपयोग कर रहें हैं या नहीं. इसके लिए लोगों में व्यवहारगत परिवर्तन की आवश्यकता है. इसके साथ ही सभी शौचालयों में पानी की सुविधा अवश्य हो. सामुदायिक शौचालय के निर्माण पर भी ध्यान दें. इसमें ग्रामीणों की सहमति और उनकी आवश्यकताओं का ध्यान रखें. सामुदायिक शौचालय निर्माण के लिए बड़े, मंझोले और छोटे टोलों का चयन करें. इन शौचालयों का रख-रखाव मनरेगा के माध्यम से किया जा सकता है.
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मुख्यमंत्री ने ग्रामीण पाइप जलापूर्ति योजना, ग्रामीण ड्रिल्ड ट्यूबवेल जलापूर्ति योजना, ग्रामीण जलापूर्ति योजना मरम्मत एवं संपोषण, शहरी जलापूर्ति योजना मरम्मत एवं संपोषण के लिए उपबंधित राशि एवं आवंटन व व्यय की जानकारी, जल जीवन मिशन, स्वच्छ भारत मिशन, ग्रामीण विभाग द्वारा संचालित विभिन्न योजनाओं के कार्यान्वयन की अद्यतन स्थिति, नई योजनाओं की स्वीकृति तथा उनके कार्यान्वयन की स्थिति, वृहद जलापूर्ति योजना का अवयव, लघु जलापूर्ति योजना का अवयव, वृहत ग्रामीण जलापूर्ति योजना, नगर विकास विभाग द्वारा स्वीकृत शहरी जलापूर्ति योजना, जल जीवन मिशन की भौतिक प्रगति, गृह संयोजन की स्थिति, भारत सरकार से राशि प्राप्त तथा उसके व्यय की अद्यतन स्थिति एवं विभागीय संस्थानों से संबंधित लंबित मामलों की जानकारी विभाग के अधिकारियों से ली.
बैठक में पेयजल एवं स्वच्छता विभाग मंत्री मिथिलेश कुमार ठाकुर, मुख्य सचिव सुखदेव सिंह, विकास आयुक्त केके खंडेलवाल, मुख्यमंत्री के प्रधान सचिव राजीव अरुण एक्का, पेयजल एवं स्वच्छता विभाग के सचिव प्रशांत कुमार, स्वच्छ भारत मिशन की निदेशक नैंसी सहाय समेत अन्य पदाधिकारी उपस्थित थे.
Posted By : Guru Swarup Mishra