Oxygen Express News (सुनील तिवारी, बोकारो) : कोरोना वायरस संक्रमितों के इलाज की जरूरत को देखते हुए बोकारो स्टील प्लांट (BSL) में लिक्विड मेडिकल ऑक्सीजन का उत्पादन बढ़ा दिया गया है. BSL में दो ऑक्सीजन प्लांट है. कैपटिव ऑक्सीजन प्लांट और मेसर्स आइनोक्स द्वारा संचालित ऑक्सीजन प्लांट. वर्तमान में दोनों प्लांट को मिलाकर लगभग 180 मीट्रिक टन प्रति लिक्विड मेडिकल ऑक्सीजन का उत्पादन हर दिन हो रहा है. अप्रैल माह के शुरुआत में लगभग 100 मीट्रिक टन, तो मई की शुरुआत में 150 मीट्रिक टन लिक्विड मेडिकल ऑक्सीजन का उत्पादन प्रतिदिन हो रहा था. मेडिकल ऑक्सीजन की मांग बढ़ते ही BSL ने उत्पादन बढ़ा दिया है. निदेशक प्रभारी अमरेन्दु प्रकाश के नेतृत्व में अधिकारियों की टीम लगातार मॉनिटरिंग कर रही है.
कोरोना वायरस से लड़ाई के बीच BSL-SAIL का आक्सीजन ड्राइव हजारों लोगों की टूटती सांसों को सहारा देकर नयी जिंदगी दे रहा है. BSL सहित SAIl अपने सभी संयंत्रों के ऑक्सीजन प्लांट से लिक्विड मेडिकल ऑक्सीजन की आपूर्ति विभिन्न राज्यों को कर रहा है, ताकि कोरोना से संक्रमित मरीजों के इलाज में ऑक्सीजन की कमी न हो. इसी कड़ी शनिवार को भी BSL ने ऑक्सीजन एक्सप्रेस से 5 टैंकरों में 82.55 मीट्रिक टन लिक्विड मेडिकल ऑक्सीजन उत्तर प्रदेश के लिए रवाना किया. अप्रैल 2021 से अभी तक झारखंड, उत्तर प्रदेश, बिहार, पश्चिम बंगाल, पंजाब, आंध्र प्रदेश, मध्य प्रदेश के लिए 9997.52 मीट्रिक टन लिक्विड मेडिकल ऑक्सीजन की आपूर्ति की जा चुकी है.
दुनिया में लोहे के लिए पहचाना जाने वाला BSL अब ऑक्सीजन देकर लोगों की जान बचाने के लिए नयी पहचान बना रहा है. कोविड-19 के संकट से जब देश जूझ रहा है, ऐसे में बोकारो स्टील प्लांट हर जरूरतमंद मरीजों तक सांसें पहुंचाने का कार्य कर रहा है. BSL ने अपने क्वालिटी स्टील से देश को मजबूती दी है, वहीं अब कोरोना संकट में संयंत्र से उत्पादित ऑक्सीजन ने हजारों लोगों को जीवनदान दिया है. कोरोना काल में BSL का यह लिक्विड मेडिकल ऑक्सीजन (एलएमओ) जीवनदायिनी बना हुआ है. BSL झारखंड समेत उत्तर प्रदेश, बिहार, मध्य प्रदेश, पश्चिम बंगाल, महाराष्ट्र, पंजाब, छत्तीसगढ़ आदि राज्यों में ऑक्सीजन की आपूर्ति नियमित रूप से कर रहा है.
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BSL के संचार प्रमुख मणिकांत धान ने बताया कि BSL से लिक्विड मेडिकल ऑक्सीजन की आपूर्ति दो तरह से हो रही है . एक सिलिंडर फिलर एजेंसियों को और दूसरा सीधे अस्पतालों को. संबंधित पार्टी अपना खाली टैंकर लेकर BSL लाती है और यहां लिक्विड मेडिकल ऑक्सीजन भरकर वापस जाती है. कैपटिव ऑक्सिजन प्लांट में अधिकारियों समेत लगभग 90 BSL कर्मी कार्यरत हैं. मेसर्स आइनोक्स के प्लांट में लगभग 80 कर्मी हैं. उत्पादन का कार्य 8-8 घंटे की तीन शिफ्ट में लगातार चल रहा है. BSL इस संकट की घड़ी में देश की सेवा में लगा है. लिक्विड मेडिकल ऑक्सीजन के उत्पादन में बढ़ोतरी गैसियस ऑक्सीजन उत्पादन में कुछ कमी लाकर की गयी है, पर इससे बोकारो स्टील प्लांट के इस्पात उत्पादन पर कोई प्रतिकूल असर नहीं पड़ा हैै.
लिक्विड मेडिकल ऑक्सीजन की आपूर्ति झारखंड समेत अन्य राज्यों से आ रहे डिमांड के मुताबिक और सरकार के निर्देशों के अनुरूप की जा रही है. BSL से ऑक्सीजन रेल और सड़क मार्ग से नियमित रूप से देश के आधा दर्जन से अधिक राज्यों में जा रहा है. BSL के निदेशक प्रभारी अमरेन्दु प्रकाश के नेतृत्व में अधिकारियों की टीम अधिशासी निदेेशक (एमएम) वीके पांडेय, अधिशासी निदेशक (संकार्य) अतनु भौमिक, मुख्य महाप्रबंधक (सेवाएं) बीके तिवारी, मुख्य महाप्रबंधक (उपयोगिता) आरके अग्रवाल, BSL ट्राफिक विभाग एवं आइनोक्स के अधिकारी आदि नियमित रूप से ऑक्सीजन की आपूर्ति को सुनिश्चित कर रहे हैं. टीम रेलवे के साथ भी समन्वय कर रही है.
राज्य : मेडिकल ऑक्सीजन (मीट्रिक टन)
झारखंड : 1874.44
उत्तर प्रदेश : 2909.9
बिहार : 1998.09
पश्चिम बंगाल : 28.41
पंजाब : 1238.03
महाराष्ट्र : 19.13
मध्य प्रदेश : 1874.74
आंध्र प्रदेश व दिल्ली : 54.78
कुल : 9997.52
(1 अप्रैल 2021 से 21 मई 2021 तक)
Posted By : Samir Ranjan.