जिला में 33 हजार हेक्टेयर में होगी धान की खेती, 2100 क्विंटल बीज का होगा वितरण

किसानों को 50 प्रतिशत अनुदान पर दिया जायेगा बीज, वितरण के लिए बनाये गये हैं छह केंद्र, पांच तरह का बीज कराया गया है उपलब्ध

By Prabhat Khabar News Desk | May 28, 2024 10:59 PM

सीपी सिंह, बोकारो, धान की खेती के लिए मंगलवार से रोहिणी नक्षत्र की शुरुआत हो गयी. किसान हल व खाद के साथ खेती की तैयारी में जुट गये हैं. बोकारो जिला में लगभग 33 हजार हेक्टेयर में धान की खेती करने का लक्ष्य विभाग ने रखा है. इसको लेकर विभाग ने तैयारी की है. विभाग की ओर से 2100 क्विंटल बीज का वितरण किया जायेगा. वितरण के लिए जिला में छह केंद्र बनाये गये हैं. धान की पांच तरह की बीज किसानों को 50 प्रतिशत अनुदान पर दिया जायेगा. जिला में बीज वितरण के लिए वर्तमान में चंदनकियारी के चंद्रा पैक्स, गोमिया में होसिर पश्चिमी पैक्स, पेटरवार के कृषि केंद्र, कसमार के नारायण कृषि केंद्र, चास के किसान बीज भंडार व जोधाडीह मोड़ के किसान घर को केंद्र बनाया गया है. एमटीयू 7029 बीज व एमटीयू 1010 बीज की आपूर्ति एनएससी कर रहा है. जबकि डीआरआरएच-02 व डीआरआरएच-03 बीज की आपूर्ति एचआइएल (इंडिया) लिमिटेड की ओर से हो रहा है. वहीं बीआइओ-799 की आपूर्ति एनसीसीएफ की ओर से किया जायेगा.

माइक्रो स्तर पर बीज वितरण व अन्य कार्य की तैयारी

कृषि विभाग ने माइक्रो स्तर पर बीज वितरण समेत अन्य कार्य निबटारा की तैयारी की है. कृषक मित्र को सबंधित पैक्स से कृषकों को अनुदानित दर पर बीज उपलब्ध कराने की जिम्मेदारी दी गयी है. वहीं प्रखंड तकनीक प्रबंधक व सहायक तकनीक प्रबंधक किसानों को वैज्ञानिक व तकनीकी सहयोग उपलब्ध करायेंगे, इस दिशा में प्रेरित करेंगे. प्रखंड कृषि पदाधिकारी व प्रखंड सहकारिता प्रसार पदाधिकारी बीज वितरण का पर्यवेक्षण करेंगे. पैक्स अध्यक्ष, प्रबंधक व कर्मी को बीज प्रशिक्षण की जिम्मेदारी दी गयी है. वहीं बीज विक्रेता व अन्य पैक्स की ओर से बीज डिमांड पर नजर रखेंगे.

लक्ष्य व बीज वितरण तय, पर निर्भरता सिर्फ मौसम पर

विभाग की ओर से 33 हजार हेक्टेयर भूमि पर धान की खेती करने का लक्ष्य तय किया गया है. बीज वितरण का मानक भी तय कर लिया गया है. वैज्ञानिक तकनीक प्रयोग करने की बात भी कही जा रही है. लेकिन, जिला में धान की खेती इस साल भी मौसम पर ही निर्भर रहने वाली है. कारण है कि जिला की लगभग 80 प्रतिशत भूमि सिंचित नहीं है. जिला में कृषि कार्य संबंध में एकमात्र गवई नहर है, जिससे 54 गांव के 4636 हेक्टेयर भूमि को सिंचित किया जा सके. बड़ी बात यह कि यह योजना 70 के दशक से चलते हुए 2023 में पुरी हुई है. जिला की कुल 14504 हेक्टेयर भूमि ही सिंचित है. 2023 में मौसम बेरूखी का असर भी दिखा था. जिला में सुखाड़ पड़ने से धान की खेती बेचारगी की स्थिति में चली गयी थी. उत्पादन का स्तर इससे समझा जा सकता है कि 02 लाख क्विंटल के लक्ष्य के बदले सिर्फ 21743.22 क्विंटल धान की खरीदारी ही हो पायी थी. मौसम के मार के कारण राज्य सरकार की ओर से सुखाड़ योजना लायी गयी, ताकि किसानों को राहत मिल सके. सुखाड़ योजना के तहत प्रति किसान को 3500 रुपये का सहयोग राज्य सरकार की ओर से किया गया. जिला में इसके तहत पांच करोड़ 34 लाख 03 हजार रुपये का सहयोग किया गया. 15258 किसान को इस योजना के तहत मदद मिली.

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