बोकारो. कैंप दो स्थित सदर अस्पताल सभागार में गुरुवार को विश्व पार्किंसंस दिवस का आयोजन किया गया. उद्घाटन सिविल सर्जन डॉ दिनेश कुमार, सदर डीएस डॉ अरविंद कुमार, पूर्व अस्पताल प्रबंधक सह एपिडेमियोलॉजिस्ट पवन श्रीवास्तव ने किया. सीएस डॉ दिनेश ने कहा : पार्किंसंस रोग एक मस्तिष्क विकार है. जो अनियंत्रित गतिविधियों कंपकंपी, कठोरता, संतुलन व समन्वय में कठिनाई का कारण बनता है. रोग से पीड़ित व्यक्ति के मनोभाव को समझें. पार्किंसंस रोग जैसे-जैसे बढ़ता है. लोगों को चलने व बात करने में कठिनाई हो सकती है. इसे समझने की जरूरत है.
डॉ अरविंद ने कहा : मानसिक व व्यावहारिक परिवर्तन, नींद की समस्या, अवसाद, याददाश्त संबंधी कठिनाइयां व थकान भी दिखाई पड़ने लगते है. स्थिति बनने से पूर्व चिकित्सक से परेशानी साझा करनी चाहिए. पार्किंसंस बीमारी महिलाओं की तुलना में पुरुषों को अधिक प्रभावित करती है. अधिकांश लोगों में पहली बार 60 वर्ष की आयु के बाद विकसित होता है. लगभग पांच से 10 प्रतिशत लोगों में यह बीमारी 50 वर्ष की आयु से पहले शुरू होती है. पार्किंसंस के प्रारंभिक रूप अक्सर विरासत में मिलते हैं. ऐसे में देखभाल जरूरी होता है. मौके पर चिकित्सक व स्वास्थ्यकर्मी मौजूद थे.BREAKING NEWS
एक मस्तिष्क विकार है पार्किंसंस रोग : डॉ दिनेश
सदर अस्पताल सभागार में विश्व पार्किंसंस दिवस का आयोजन
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