Loading election data...

सीसीएल में पीएफ घोटाला: जांच में अब तक मिला 1.37 करोड़ रुपये से अधिक

मामले में कई अधिकारियों के संलिप्त होने की भी बात आयी है. जांच में फिलहाल समय लगेगा और आगे और भी गड़बड़ी सामने आने की उम्मीद है. संबंधित सीसीएल अधिकारियों, राज्य सरकार के अधिकारियों के अलावा संबंधित बैंक के अधिकारियों को भी जांच में सहयोग करने की बात सीबीआइ टीम द्वारा की जा रही है.

By Prabhat Khabar News Desk | May 31, 2023 11:02 AM

बोकारो (बेरमो), राकेश वर्मा : सीसीएल के बीएंडके एरिया में कई मृत व रिटायर सेवानिवृत्त कर्मियों के पीएफ का भुगतान फर्जी तरीके से होने के मामले की परत दर परत खुलती जा रही है. जैसे-जैसे सीबीआइ जांच आगे बढ़ रही है, वैसे-वैसे कई चौकाने वाले खुलासे हो रहे हैं. मंगलवार की शाम को करगली गेस्ट हाउस में पत्रकारों से बातचीत में सीबीआइ अधिकारियों ने बताया कि अभी तक दस मृत सीसीएल कर्मियों के परिजनों व अन्य से पूछताछ की जा चुकी है. इसमें कई बातें सामने आयी है. अन्य बाकी लोगों से पूछताछ की जायेगी. जांच में अभी तक 1.37 करोड़ रुपये से अधिक का घोटाला का मामला सामने आया है.

इस मामले में कई अधिकारियों के संलिप्त होने की भी बात आयी है. जांच में फिलहाल समय लगेगा और आगे और भी गड़बड़ी सामने आने की उम्मीद है. मालूम हो कि सीसीएल के सभी एरिया में बारी-बारी से सीबीआइ की टीम मामले की जांच कर रही है. एक सप्ताह से बीएंडके एरिया में भी सीबीआइ अधिकारियों की दो सदस्यीय टीम जांच कर रही है. अधिकारी करगली गेस्ट हाउस में रुके हैं. यहां वर्ष 2012 से 2016 के बीच रिटायर हुए कई कर्मियों के पीएफ भुगतान मामले में हुई गड़बड़ी की जांच की जा रही है.

संबंधित सीसीएल अधिकारियों, राज्य सरकार के अधिकारियों के अलावा संबंधित बैंक के अधिकारियों को भी जांच में सहयोग करने की बात सीबीआइ टीम द्वारा की जा रही है. सीबीआइ के पास पुख्ता सूचना है कि कई सेवानिवृत्त कर्मियों की राशि फर्जी तरीके से उठा ली गयी है. बीएंडके के 14 व कथारा के चार मामले की चल रही जांच जानकारी के अनुसार फिलहाल सीबीआइ टीम बेरमो कोयलांचल अंतर्गत सीसीएल के बीएंडके व कथारा एरिया के करीब 18 मृत कर्मियों की पीएफ राशि की निकासी में हुए करोड़ों रुपये के घोटाले की जांच कर रही है. सूत्रों की माने तो जांच में और भी कई मामले सामने आ रहे है.

बीएंडके एरिया के 14 तथा कथारा एरिया के चार सेवानिवृत्त कर्मियों में से अभी तक दस कर्मियों के आश्रितों, संबंधियों व नॉमिनी से कई राउंड की पूछताछ हो चुकी है. सीबीआइ के एक अधिकारी का कहना है कि बीएंडके व ढोरी एरिया में लगभग 30 मृत व रिटायर कोलकर्मियों के पीएफ की निकासी में गड़बड़ी का मामला सामने आ चुका है. अंगवाली निवासी बीएंडके एरिया के करगली कोलियरी के रिटायर कर्मी स्व. चुन्नीलाल रजवार के पुत्र, पोता समेत अन्य रिश्तेदारों से मामले की जानकारी ली गयी. करगली कोलियरी की ही कर्मी चंपा सोरेन के नाम पर उनके भतीजे कृष्णा सोरेन के नाम पर पीएफ की निकासी कर गबन किये जाने की जांच की गयी.

इसको लेकर कृष्णा सोरेन सहित अन्य लोगों से पूछताछ की गयी. इसके अलावा रामनगर निवासी एक सीसीएल कर्मी के पावना राशि की निकासी फर्जी ढंग से किये जाने के मामले में वहीं के एक सीसीएल कर्मी द्वारा गवाह बनने पर मामले की जांच की गयी. बीएंडके एरिया की करगली कोलियरी के मृत कर्मी कुंवर मांझी, तिरम, रामदेव, भागीरथ, तुन्नीलाल रजवार, जलमाती, चंपा, बीरबल गोप, छोटू, बरजो राम, बोकारो कोलियरी के बरजू ग्वाला, प्रसादी तुरी व रिटायर कर्मी छोटू राम और करगली वाशरी के मृत कर्मी फूलचंद के मामले जांच में शामिल हैं. एरिया की विभिन्न परियोजनाओं के चार मृत कर्मियों का मामला भी है. अंचल कार्यालय व बैंक अधिकारियों से भी ली जा रही.

जानकारी के अनुसार सीबीआइ की टीम के जांच में राज्य सरकार से भी सहयोग ले रही है. बेरमो अंचल कार्यालय से चार कर्मियों का डेथ सर्टिफिकेट ईश्यू करने के संबंध जानकारी मांगी गयी. जवाब में अंचल कार्यालय की ओर से कहा गया कि उनके कार्यालय के रिकॉर्ड में इनका डेथ सर्टिफिकेट ईश्यू नहीं किया गया है. इसके अलावा रामगढ़ के यूको बैंक तथा कॉरपोरेशन बैंक के अलावा एसबीआइ की विभिन्न शाखाओं से भी मंगलवार को खाताओं से पैसे निकासी को लेकर जानकारी ली गयी.

मालूम हो कि पूर्व में सीबीआइ की टीम ने रामगढ़ के एक बैंक के मैनेजर को गिरफ्तार कर जेल भेज चुकी है. मृत कर्मी फूलचंद के पीएफ की निकासी गलत नॉमिनी दिखा कर की गयी सीसीएल बीएंडके एरिया अंतर्गत करगली वाशरी में कार्यरत फूलचंद की मौत के बाद अनुकंपा के आधार पर उनके पुत्र को नौकरी मिली. पुत्र की मौत हो गयी तो उनकी पत्नी तुलसी देवी नौकरी मिली. बीएंडके एरिया के पर्सनल विभाग के अनुसार तुलसी देवी के ससुर फूलचंद की मौत के बाद उनकी पीएफ राशि की निकासी गलत नॉमिनी दिखाकर कर ली गयी.

Next Article

Exit mobile version