Picnic spots: नये साल पर घूमने की कर रहे हैं प्लानिंग, तो बोकारो का यह जगह पिकनिक के लिए है परफेक्ट

Picnic spots of Jharkhand: बोकारो के पिंड्राजोरा में स्थित गवई बराज पिकनिक के लिए परफेक्ट जगह है. यहां की खूबसूरत वादियां सैलानियों को खूब लुभाती हैं. दूर-दूर से भी काफी लोग यहां पिकनिक मनाने आते हैं. करीब चार दशक पहले इस बराज के निर्माण के साथ ही यहां पिकनिक मनाने की शुरुआत हो गई थी.

By Prabhat Khabar Digital Desk | December 10, 2022 2:01 PM

Picnic spots of Jharkhand: चास-पुरुलिया मुख्य पथ में चास प्रखंड मुख्यालय से करीब 15 किमी दूर पिंड्राजोरा स्थित गवई बराज भी बोकारो के प्रमुख पिकनिक स्पॉट में एक है. प्राकृतिक तौर पर तो यह स्थल सैलानियों को आकर्षित करता ही है. इस स्थल की एक और विशेषता यह है कि इसके अगल-बगल में ब्रिटिश काल के अनेक स्मारक मौजूद हैं. ऐतिहासिक स्थलों के कारण गवई बराज की ओर लोग खींचे चले आते हैं. बराज के सामने ही गवई नदी पर ब्रिटिश सैनिक बर्फ एवं बिजली स्वयं तैयार करते थे. साथ ही ब्रिटिश सैनिकों के घोड़ों का अस्तबल, पानी टंकी, कब्रिस्तान व अन्य स्मारक मौजूद थे. इसके ध्वंसावशेष आज भी देखने को मिलते हैं.

पिकनिक के लिए यह काफी पसंदीदा स्थल

पिंड्राजोरा थाना से करीब आधा किमी दूर स्थित गवई पुल से थोड़ा पहले दायीं ओर का रास्ता सीधे बराज तक ले जाता है. यहां की खूबसूरत वादियां सैलानियों को खूब लुभाती हैं. दूर-दूर से भी काफी लोग यहां पिकनिक मनाने आते हैं. करीब चार दशक पहले इस बराज के निर्माण के साथ ही यहां पिकनिक मनाने की शुरुआत हो गई थी. हाल के वर्षों में पिकनिक के लिए यह काफी पसंदीदा स्थल बन गया है. लोग अपने मित्रों और परिवारों के संग पिकनिक मनाने आते हैं. चास-बोकारो समेत आसपास के जिलों के विभिन्न स्कूलों के प्रबंधक अपने छात्र-छात्राओं को भी पिकनिक मनाने यहां लाते हैं. दिसंबर और जनवरी के अलावा साल के अन्य दिनों में भी लोग यहां सैर-सपाटे के लिए आते हैं. शाम के समय तो यहां की छटा देखने लायक होती है. हालांकि, कुछ वर्ष पहले बराज क्षतिग्रस्त हो जाने के कारण इसमें पहले की तरह पानी नहीं है. बावजूद इस स्थल के प्रति लोगों का आकर्षण बना हुआ है. वैसे बराज की मरम्मत का कार्य चल रहा है.

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बता दें कि इस बराज के पानी का उपयोग चास चंदनकियारी के दर्जनों गांवों में खेतों की सिंचाई के लिए करना था, लेकिन उस अनुरूप इसका लाभ नहीं मिला. 10-15 किमी तक पानी बहने के बाद नहर सूखी ही रहती थी. उसी को ध्यान में रखते हुए करीब 130 करोड़ रुपये की लागत से जीर्णोद्धार कार्य किया जा रहा है. इस योजना के पूरा होने पर चास और चंदनकियारी के 54 गांवों की 4636 हेक्टेयर भूमि सिंचित हो सकेगी. 85 किमी लंबी नहर बन रही है. स्थानीय समाजसेवी संतोष कुमार बताते हैं कि शिबू सोरेन ने अपने मुख्यमंत्रित्व काल में इस स्थल का दौरा कर इसे पर्यटन स्थल के रूप में विकसित करने की बात ग्रामीणों के समक्ष कही थी.

रिपोर्ट : दीपक सवाल, कसमार

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