लाख वादे और घोषणाएं के बाद भी चास के इस स्कूल की नहीं बदली तस्वीर, मिल चुकी है CBSE मान्यता

चास के रामरुद्र उच्च विद्यालय का इतिहास जितना पुराना है, उतना ही शानदार वर्तमान भी है. सरकार ने इसे स्कूल ऑफ एक्सीलेंस का रूप देने की घोषणा की थी, पर वादों और घोषणाओं के अलावा इसे कुछ नहीं मिला.

By Prabhat Khabar News Desk | January 6, 2023 10:28 AM
an image

Bokaro News: चास के रामरुद्र उच्च विद्यालय का इतिहास जितना पुराना है, उतना ही शानदार वर्तमान भी है. जैक की परीक्षा में हर साल उल्लेखनीय परिणाम रहता है. पूर्ववर्ती सरकार में इसे मॉडल स्कूल के रूप में विकसित करने की बात कही गयी थी. वर्तमान हेमंत सरकार ने इसे स्कूल ऑफ एक्सीलेंस का रूप देने की घोषणा की थी, पर वादों और घोषणाओं के अलावा इसे कुछ नहीं मिला. पांच मार्च 2022 को शिक्षा मंत्री जगरनाथ महतो ने रामरुद्र उच्च विद्यालय को स्कूल ऑफ एक्सीलेंस बनाने की बात कहते हुए शिलान्यास किया था. सीबीएसइ स्कूल की तर्ज पर सुविधा बहाल करने की बातें कही गयी थीं. जरूरत के हिसाब से भवन और आधुनिक तकनीक का इस्तेमाल कर बच्चों को गुणवत्तायुक्त शिक्षा देने की बात थी. हालांकि स्कूल पुराने ढर्रे पर ही चल रहा है. 10 जनवरी 2019 को एक्सट्रा मार्क्स एजुकेशन फाउंडेशन के साथ गुणवत्तायुक्त शिक्षा देने के लिए एमओयू भी हुआ था. कई तरह की घोषणाएं की गयी थीं. बड़ी बात यह कि स्कूल की टूटी बाउंड्री को बनाने में ही कई साल लग गये.

कहां अटका है विकास

स्कूल ऑफ एक्सीलेंस के तहत जरूरत के हिसाब से नया भवन बनाया जाना है. फुटबॉल ग्राउंड आकार का मैदान विकसित होगा. साथ ही स्कूल भवन का रंग-रोगन व मरम्मत कार्य भी होना है. आधुनिक तकनीक मुहैया करानी है. विभागीय जानकारों की मानें तो शिलान्यास तो हो गया, लेकिन टेंडर फाइनल नहीं हुआ. जब टेंडर हुआ तो किसी कारणवश कैंसिल हो गया. दोबारा टेंडर हुआ भी, तो वर्क ऑर्डर जारी नहीं हुआ है.

क्या बोलीं डीइओ

रामरुद्र उवि के लिए एक अच्छी खबर भी है. स्कूल को सीबीएसइ से मान्यता मिल गयी है. अगले सत्र से सीबीएसइ पैटर्न पर पढ़ाई होगी. जिला शिक्षा पदाधिकारी प्रबला खेस ने बताया कि मामला प्रदेश स्तर पर लटका है. इस संबंध में कई बार वरीय पदाधिकारी से संपर्क किया गया है. टेंडर प्रक्रिया के कारण काम प्रभावित हुआ है.

Also Read: धनबाद में आउटसोर्सिंग परियोजनाओं से हर दिन हो रही हजारों टन कोयला की चोरी, कार्रवाई के नाम पर आइवाश

क्या होना चाहिए

मॉडल स्कूल में खेल का मैदान, पार्क और रंगशाला जैसी सुविधाएं रहती हैं. आइसीटी ढांचा, इंटरनेट तक पहुंच व पूर्णकालिक कंप्यूटर शिक्षक होते हैं. वहीं स्कूल ऑफ एक्सीलेंस में मॉडल स्कूल में मिलनेवाली सुविधाओं के अलावा लाइब्रेरी, समग्र खेल का मैदान, उच्च तकनीक आधारित शिक्षा व्यवस्था होती है. यह एक ऐसा सरकारी स्कूल होता है, जो सभी मायने में प्राइवेट स्कूल की बराबरी कर सके.

रिपोर्ट : सीपी सिंह, बोकारो

Exit mobile version