झारखंड में पंचायत व निकाय चुनाव को लेकर बिछ रही सियासी बिसात, राजनीतिक दलों की ऐसी है तैयारी
रांची : झारखंड में दिसंबर महीने में पंचायत प्रतिनिधियों का कार्यकाल खत्म हो रहा है. गांव की सरकार को चुनाव तक इंतजार रहेगा. इधर, पंचायत चुनाव को पार्टी सिंबल पर कराने की भी चर्चा है. इसके साथ ही राज्य के 14 नगर निकायों का चुनाव भी होना है. जमीनी स्तर पर राजनीतिक दलों को अपनी पकड़ बनाने का मौका मिलेगा. पंचायत व निकाय चुनाव को लेकर राजनीति की बिसात भी बिछ रही है. धनबाद, देवघर, चास, चक्रधरपुर, झुमरी तिलैया, विश्रामपुर, कोडरमा व मझिगांव नगर निकाय में चुनाव होना है. नगर निकाय में भाजपा की पकड़ रही है.
रांची : झारखंड में दिसंबर महीने में पंचायत प्रतिनिधियों का कार्यकाल खत्म हो रहा है. गांव की सरकार को चुनाव तक इंतजार रहेगा. इधर, पंचायत चुनाव को पार्टी सिंबल पर कराने की भी चर्चा है. इसके साथ ही राज्य के 14 नगर निकायों का चुनाव भी होना है. जमीनी स्तर पर राजनीतिक दलों को अपनी पकड़ बनाने का मौका मिलेगा. पंचायत व निकाय चुनाव को लेकर राजनीति की बिसात भी बिछ रही है. धनबाद, देवघर, चास, चक्रधरपुर, झुमरी तिलैया, विश्रामपुर, कोडरमा व मझिगांव नगर निकाय में चुनाव होना है. नगर निकाय में भाजपा की पकड़ रही है.
नगर निगम चुनाव में झामुमो ने भी अपनी दखल बढ़ाने की कोशिश की है. धनबाद और रांची नगर निगम क्षेत्र में झामुमो ने भाजपा को निशाने पर लिया है. रांची नगर निगम में मेयर सहित पूरे निगम की कार्यशैली व भ्रष्टाचार पर सवाल उठाये हैं. झामुमो नेता वार्ड पार्षद से संपर्क में हैं. इधर, कांग्रेस भी नगर निगम चुनाव में अपनी पैठ बनाना चाहेगी. कांग्रेस के अंदरखाने भी इसकी तैयारी है. पार्टी के नेता चुनाव की तैयारी में गोटी सेट कर रहे हैं. भाजपा बूथ स्तर पर अपने संगठन को और मजबूत करने में जुटी है. प्रशिक्षण कार्यक्रम से कार्यकर्ताओं को जोड़ा जा रहा है. भाजपा ने सांगठनिक स्तर पर बूथ केंद्रों को शक्ति केंद्र के रूप में मॉडल तैयार की है. पंचायत चुनाव में अपने समर्थकों को जीता कर लाने की कवायद होगी.
Also Read: झारखंड के 12.93 लाख किसानों का कर्ज होगा माफ, किसानों के खातों में ऐसे ट्रांसफर होगा पैसा
झामुमो प्रवक्ता व महासचिव सुप्रियो भट्टाचार्य ने कहा है कि राज्य में पंचायत चुनाव भाजपा के कारण टल रहा है. भाजपा ने संवैधानिक संकट पैदा कर दिया है. चुनाव आयोग में पद रिक्त है. बिना नेता प्रतिपक्ष की सहमति के लिये पद नहीं भरे जा सकते है. यह संवैधानिक बाध्यता है. भाजपा को गतिरोध दूर कर अपना नया नेता चुन लेना चाहिए. श्री भट्टाचार्य ने कहा कि जल्द चुनाव होना चाहिए. लोकतंत्र में चुनाव का कोई विकल्प नहीं है. झामुमो हमेशा चुनाव के लिए तैयार है. पंचायत चुनाव हो या निकाय का चुनाव जनता झामुमो के साथ आयेगी. पार्टी चुनाव की तैयारी में जुटी है.
कांग्रेस के कार्यकारी अध्यक्ष राजेश ठाकुर ने कहा है कि कांग्रेस आम लोगों से जुड़ाव रखती है. सरकार में रहते हुए भी हम जनता के सवालों पर मुखर रहे हैं. संगठन लगातार कार्यक्रम तैयार कर रहा है. पंचायत चुनाव हो या नगर निगम का चुनाव महागठबंधन के अंदर बात होगी. भाजपा को किस तरह शिकस्त दी जाये, रणनीति बनेगी. अभी इसको लेकर कोई बात नहीं हुई है, लेकिन आनेवाले दिनों में पूरी सजगता के साथ चुनौती से निबटेंगे. नगर निकाय में भाजपा के दिन लदनेवाले हैं. कांग्रेस के कार्यकर्ता व नेता जमीनी स्तर पर संघर्ष कर रहे हैं.
Also Read: आपकी मदद से गुमला के सौरभ की बच सकती है जान, दोस्तों ने की आम लोगों से ये अपील
भाजपा प्रवक्ता प्रतुल शाहदेव ने कहा है कि झामुमो और सरकार पंचायत चुनाव को लेकर गलत बयान दे रहे हैं. सरकार की मंशा चुनाव कराने की नहीं है. पंचायती राज एक्ट में कहीं भी प्रतिपक्ष के नेता की भूमिका निर्वाचन आयोग के लिए नहीं है. निर्वाचन आयुक्त का चयन सरकार का विशेषाधिकार है. वहीं मंत्री भी गलत बयान दे रहे हैं कि कोई कमेटी बना कर वैकल्पिक व्यवस्था करेंगे. यह गैर संवैधानिक है. श्री शाहदेव ने कहा कि जहां तक चुनाव की बात है, भाजपा हमेशा तैयार है. अफसरशाही का राज कायम कर लूटवाली सरकार के विरोध में जनता खड़ी है.
Posted By : Guru Swarup Mishra