Jharkhand News, बोकारो न्यूज (नागेश्वर) : झारखंड के बोकारो जिले के गोमिया प्रखंड अंतर्गत सिंयारी पंचायत के उग्रवाद प्रभावित गांव असनापानी की बदहाली पर प्रभात खबर में प्रकाशित खबर का असर हुआ. जिला प्रशासन इस गांव की तस्वीर बदलने का खाका तैयार कर रहा है. जल्द ही इस गांव में बिजली बहाल होगी और सड़क निर्माण से इसकी तस्वीर बदलेगी. आपको बता दें कि आजादी के बाद भी संताली बहुल गांव असनापानी में आवागमन के लिए सड़क नही था. गांव में बिजली भी नहीं थी. अब असनापानी गांव की सूरत बदने लगी है.
बोकारो जिला प्रशासन द्वारा असनापानी गांव में पथों का निर्माण तथा अन्य विकास के कार्यों को अमलीजामा पहनाने के लिए खाका तैयार किया गया है. बिजली विभाग के द्वारा गांव में बिजली बहाल के लिए सर्वे व निरीक्षण कर दुर्गम व घने जंगल असनापानी में बिजली कैसे पहुंचायी जाए, इसके लिए सर्वे कर विभागीय स्तर पर जल्द से जल्द बिजली बहाली को लेकर मंत्रणा जारी है.
पिछले सात-आठ माह से काशीटांड़ व बिरहोर डेरा में बिजली नहीं है. वहां भी जला हुआ केबल को बदलने के लिए जोर दिया जा रहा है. असनापानी गांव में प्रखंड विकास पदाधिकारी कपिल कुमार ने भी दौरा कर मनरेगा से कई योजनाओं को पारित कर योजनाओं के क्रियान्वयन पर जोर दिया है. उन्होंने गांव में प्राथमिक समस्याओं के बारे में वरीय अधिकारियों को जानकारी दी है. गांव में बच्चों को प्राथमिक शिक्षा बहाल हो. इसके लिए बाल विकास परियोजना पदाधिकारी अलका रानी ने भी नजदीक की सेविकाओं से सर्वे कराकर एक मिनी आंगनबाड़ी केन्द्र के संचालन को लेकर अपनी रिपोर्ट जिले में भेज दिया है.
विद्युत विभाग के एसी गिरधारी सिंह मुंडा ने कहा कि असनापानी गांव पहाड़ी पर है तथा जंगलों से घिरा है. गांव में बिजली कैसे पहुंचे इसके लिए अधिकारियों द्वारा क्षेत्र का दौरा कर जायजा लिया गया है. बिजली बहाल करने को लेकर कार्य करने वाली एजेंसी दो तीन बार साइट की जांच पड़ताल की है. विभाग प्रयासरत है कि जल्द से जल्द बिजली गांव में जले. श्री मुंडा ने कहा कि जब गोमिया के सभी गांवों में बिजली बहाल है तो असनापानी में भी जल्द बिजली बहाल होगी. आपको बता दें कि असनापानी गांव में अधिकारी कभी नहीं पहुंचते थे. उग्रवाद प्रभावित क्षेत्र होने के चलते सिर्फ खाकी वर्दी में नक्सलियों को सर्च करने के लिए पुलिस ही पहुंचती थी, लेकिन खबर छपने के बाद गांव में दिन प्रतिदिन हालात बदल रहे हैं.
अब गांव में पूर्व की अपेक्षा काफी बदलाव आया है. वहीं बिरहोर डेरा व उसके आस पास के ग्रामीण क्षेत्रों के पास से डबल रेलवे लाइन गुजरने पर आवागमन के लिए ग्रामीणों ने भूमिगत पथ की मांग रेलवे विभाग से की है, पर रेलवे विभाग के अधिकारी क्षेत्र का दौरा कर आवागमन पथ को सुलभ बनाने के लिए जांच पड़ताल की है, ताकि रेलवे लाइन के दोनों साइड से आवागमन कर सकें. गोमिया के बिधायक डॉ लबोदर महतो ने भी गांव की समस्याओं का आंकलन कर वरीय पदाधिकारी के पास विकास को गति देने के लिए पत्र प्रेषित किया है.
Posted By : Guru Swarup Mishra