Loading election data...

द्रौपदी मुर्मू का झारखंड के लुगुबुरु से है गहरा जुड़ाव, गायी थी संताली लोकगीत

देश की पहली नवनिर्वाचित आदिवासी महिला राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू का झारखंड से गहरा लगाव रहा है. राज्यपाल रहते तीन बार बोकारो के लुगुबुरु में मत्था टेकने पहुंची थी. 2019 के सम्मेलन में संताली लोकगीत गाकर लुगुबुरु का बखान किया था.

By Prabhat Khabar Digital Desk | July 21, 2022 8:26 PM

President Election 2022: देश की पहली महिला आदिवासी नवनिर्वाचित राष्ट्रपति बनने का गौरव द्रौपदी मुर्मू के प्राप्त हुआ है. देश की 15वीं राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू का झारखंड से गहरा जुड़ाव रहा है. राज्य की पहली महिला राज्यपाल के अलावा बोकारो जिला अंतर्गत गोमिया प्रखंड के ललपनिया स्थित लुगुबुरु घांटाबाड़ी धोरोमगाढ़ से गहरा एवं आध्यात्मिक लगाव रहा है. संताली आदिवासियों की संस्कृति एवं परंपरा के इस उद्गम स्थल में द्रौपदी मुर्मू का तीन बार आगमन हुआ है.

द्रौपदी मुर्मू का झारखंड के लुगुबुरु से है गहरा जुड़ाव, गायी थी संताली लोकगीत 3

लुगुबुरु से रहा है गहरा लगाव

हर साल कार्तिक पूर्णिमा पर यहां होने वाले अंतर्राष्ट्रीय संताल सरना धर्म महासम्मेलन में बतौर मुख्य अतिथि वर्ष 2015, 2016 एवं 2019 में द्रौपदी मुर्मू यहां पहुंच चुकी है. अपने पूर्वजों के इस महान धर्मस्थल में आकर उन्होंने हमेशा गौरव की अनुभूति की है. आदिवासियों के उत्थान एवं विकास पर हमेशा जोर दिया. बचपन में दादी-नानी से लुगुबुरु घांटाबाड़ी से जुड़ी मान्यताएं, महत्व एवं किस्से-कहानियां सुनने का जिक्र किया. लोकगीत गाये और इसके माध्यम से लुगुबुरु का बखान किया. जिससे उनकी इस महान धर्मस्थल के प्रति आध्यात्मिक, दार्शनिक लगाव साफ झलकती है. दोरबार चट्टानी स्थित पुनाय थान में अपने आराध्यों मरांग बुरु, लुगू बुरु, लुगू आयो, घांटाबाड़ी गो बाबा, कुड़िकिन बुरु, कपसा बाबा व बीरा गोसाईं की पूजा-अर्चना और मत्था टेकने के बाद ही वे सम्मेलन में शरीक होती थीं.

द्रौपदी मुर्मू का झारखंड के लुगुबुरु से है गहरा जुड़ाव, गायी थी संताली लोकगीत 4

आदिवासियों से बेहतर जीवन जीने की अपील

दोरबार चट्टानी के मंच से द्रौपदी मुर्मू ने अपने संबोधन में हमेशा आदिवासी उत्थान और विकास पर जोर दिया था. उन्होंने आदिवासियों से संस्कृति एवं परंपरा का निर्वहन करते हुए बेहतर जीवन जीने को सदैव प्रेरित किया. सामाजिक, शैक्षणिक एवं आर्थिक रूप से सशक्त होने को समय की जरूरत बताते हुए इस ओर ध्यान देने अपील की. आपसी एकजुटता एवं परंपरा, संस्कृति के प्रति जागरूकता व सजगता पर जोर देती रही.

Also Read: President Election Result 2022 Live: तीसरे राउंड की गिनती के बाद द्रौपदी मुर्मू राष्ट्रपति चुनी गयीं

संस्कृति, भाषा एवं लिपि के संरक्षण एवं विकास की अपील

द्रौपदी मुर्मू ने दोरबार चट्टानी के मंच से अपने संबोधन में आदिवासियों से अपनी संस्कृति, परंपरा, भाषा, धर्म एवं लिपि को पूर्वजों की अनमोल विरासत बताते हुए इसे मूल स्वरूप में सहेजे रखने, जागरूक होने एवं सजग रहने तथा प्रकृति की रक्षा करते रहते हुए इसके उत्थान एवं विकास का आह्वान भी किया. उनके संबोधन के मुताबिक, अपनी संस्कृति, परंपरा, भाषा को जीवंत रखने के लिए बोलने एवं अपनाने से हमें परहेज या शर्म नहीं आनी चाहिए, चाहे हम कितनी भी बड़े पद पर क्यों न आसीन हों. हमें अपने लोगों से अपनी भाषा में संवाद करना चाहिए, ताकि हमारी पहचान बनी रही. पंडित रघुनाथ मुर्मू के विचारों को आत्मसात करने की जरूरत है.

2019 में जब उन्होंने लोकगीत गुनगुना कर किया लुगुबुरु का बखान

19वें अंतर्राष्ट्रीय संताल सरना धर्म महासम्मेलन में अपने संबोधन के दौरान द्रौपदी मुर्मू ने लुगुबुरु का बखान करते एक लोकगीत गुनगुनाया था. जिसके बोल ये थे:
ऐ लुगू बुरु सीतानाला गाडा एकला गे डुली मय
नुमेम नाड़गोन बोतोर बाछेरेम बुझव
डुली मय होयाय, हुडूराय
डुली मय दागाय बिजलीयाय
सितुम लोलो जारगे जपुद
बोतोर बाछेरेम बुझव
एकला गे डुली मय, नुमेम नाड़गोन एकला गे बाछेरेम बुझव
होर हों संगीन गेया डुली मय
बीर हों गाजाड़ गेया
कूल बाना हूला चमका
बोतोर बाछेरेम बुझव
एकला गे डुली मय नुमेम नाड़गोन बोतोर बाछेरेम बुझव
लुगू बाबा थूम दाड़े बोंगा कुड़ी जोटाव
बोंगा कुड़ी सांव नुमिन नाड़गोन
बोतोर चिकातिञ बुझव-2
सरी गे ना ताला दय
बोंगा कुड़ी सांव नुमिन नाड़गोन बोतोर चिकातिञ बुझव.

आज गौरव का दिन : बबूली सोरेन

लुगुबुरु घांटाबाड़ी धोरोमगाढ़ समिति के अध्यक्ष बबूली सोरेन ने कहा कि आज हम आदिवासियों के लिए बड़े गौरव का दिन है. एक आदिवासी महिला देश की सर्वोच्च पद के लिए निर्वाचित हुई हैं. हमें पूरी उम्मीद है कि राष्ट्रपति के तौर पर द्रौपदी मुर्मू जी का कार्यकाल स्वर्णिम अक्षरों से सराबोर रहेगा. हम बेहद प्रसन्न है कि लुगुबुरु घांटाबाड़ी धोरोमगाढ़ समिति के तौर पर उनका कई दफे आगवानी करने का अवसर मिला. लुगुबुरु की कृपा द्रौपदी जी पर सदा बनी रहे.

Also Read: Rashtrapati Chunav: राष्ट्रपति चुनाव यशवंत सिन्हा जीतें या द्रौपदी मुर्मू, जीत झारखंड की होगी

गौरवान्वित करने वाला है यह पल : लोबिन मुर्मू

लुगुबुरु घांटाबाड़ी धोरोमगाढ़ समिति के सचिव लोबिन मुर्मू ने कहा कि आज हम सभी लोगों के लिए बहुत बड़ा दिन है. गौरवान्वित करने वाले इस पल को इतिहास में हमेशा स्वर्णिम अक्षरों में सहेजा जायेगा. देश की सबसे बड़े पद राष्ट्रपति के आसन पर एक आदिवासी महिला के तौर पर द्रौपदी मुर्मू का निर्वाचित होना बहुत खास है. हम लुगुबुरु घांटाबाड़ी धोरोमगाढ़ समिति की ओर से द्रौपदी मुर्मू एवं उनके परिवार को बहुत बधाई देते हैं.

रिपोर्ट : राकेश वर्मा/रामदुलार पंडा/नागेश्वर, बेरमो/गोमिया, बोकारो.

Next Article

Exit mobile version