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झारखंड : CCL के 3 कोल माइंस से 5 साल में 65 मिलियन टन से अधिक कोयले का उत्पादन, कई नयी माइंस खुलने के संकेत

बेरमो कोयलांचल में सीसीएल के तीन कोल माइंस बीएडंके, ढोरी एवं कथारा एरिया से पिछले पांच साल में 65 मिलियन टन से ज्यादा कोयले का खनन किया गया. वहीं, प्रभारी सीएमडी डॉ बी विरा रेड्डी के मुताबिक भविष्य में कई बड़ी व महत्वाकांक्षी परियोजनाएं अस्तित्व में आयेंगी.

बेरमो (बोकारो), राकेश वर्मा : बेरमो क्षेत्र में सीसीएल के बीएडंके, ढोरी व कथारा एरिया में पांच दशक से कोयला खनन जारी है. पिछले पांच साल में उक्त तीनों एरिया ने 65 मिलियन टन से ज्यादा कोयला का खनन किया है. लगभग 45 मिलियन टन कोयला रेल मार्ग से और 15-20 मिलियन टन कोयला सड़क मार्ग से डिस्पैच किया गया है. आने वाले समय में तीनों एरिया में कई नयी माइंस खुलने की संभावना है. कई पुरानी माइंसों का विस्तारीकरण भी होगा. इससे उत्पादन और बढ़ेगा. फिलहाल तीनों एरिया की रेलवे साइडिंगों से प्रतिदिन छह-सात रेलवे रैक कोयला डिस्पैच किया जा रहा है.

साइडिंग से कोल डिस्पैच बढ़ेगा

बीएडंके एरिया अंतर्गत एकेके परियोजना में एक सीएचपी बनना है, जिसके बाद यहां की साइडिंग से कोल डिस्पैच काफी बढ़ेगा. नयी खदानें खुलेंगी तथा माइंसों का विस्तार होगा तो क्षेत्र के लोगों को प्रत्यक्ष व अप्रत्यक्ष रूप से रोजगार के अवसर भी प्राप्त होंगे. वहीं क्षेत्र का विकास भी होगा. कोल इंडिया को क्षेत्र से मुनाफा होगा, तो सीएसआर से विकास कार्य तेज होंगे.

चालू वित्तीय वर्ष में तीनों एरिया करेगा 16 मिलियन टन उत्पादन

चालू वित्तीय वर्ष में बेरमो में सीसीएल के तीनों एरिया मिल कर लगभग 15-16 मिलियन टन कोयला उत्पादन करेगा. बीएंडके को 90 लाख टन, ढोरी एरिया को 46 लाख टन तथा कथारा एरिया को 27 लाख टन का लक्ष्य मिला है.

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आने वाले दस साल में इतना कोयला खनन का बना है प्लान

बीएडंके एरिया :

  • डीआरएंडआरडी : 1400 मिलियन टन प्राइम कोकिंग कोल

  • एकेके परियोजना : 80 मिलियन टन

  • कारो परियोजना : 80 मिलियन टन

  • बोकारो कोलियरी : 20 लाख टन

  • डीवीसी बेरमो माइंस : 120 मिलियन टन (अब सीसीएल ने ले लिया है)

  • कबरीबांध माइंस (गिरिडीह) : 36 लाख टन

  • गिरिडीह ओसी : 22 लाख टन.

ढोरी एरिया :

  • कल्याणी परियोजना (विस्तारीकरण के बाद) : 35 मिलियन टन

  • अंबाकोचा माइंस : 35 लाख टन

  • एसडीओसीएम का सीम सिक्स : 33 लाख टन

  • एएडीओसीएम : 23 मिलियन टन

  • पिछरी माइंस: 19 मिलियन टन

  • अंगवाली माइंस: 1.8 मिलियन टन.

कथारा एरिया :

  • स्वांग-गोविंदपुर परियोजना : 22 मिलियन टन

  • जारंगडीह परियोजना : 14 मिलियन टन

  • कथारा कोलियरी : 12 मिलियन टन

  • गोविंदपुर यूजी माइंस : 2.5 मिलियन टन

पिछले पांच साल में तीनों एरिया का उत्पादन और रेल से डिस्पैच ( टन में)

बीएंडके एरिया

वित्तीय वर्ष : कुल उत्पादन : रेल डिस्पैच

  • 2018-19 : 64,44,737 : 34,53,842

  • 2019-20 : 79,33,334 : 36,43,668

  • 2020-21 : 47,61,536 : 40,91,403

  • 2021-22 : 71,39,828 : 55,49,917

  • 2022-23 : 81,51,267 : 37,09,765

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कथारा एरिया

वित्तीय वर्ष : कुल उत्पादन : रेल डिस्पैच

  • 2018-19 : 27,60,479 : 25,40,665

  • 2019-20 : 29,04,897 : 37,08,000

  • 2020-21 : 28,85,200 : 24,85,798

  • 2021-22 : 14,20,891 : 19,81,266

  • 2022-23 : 23,30,515 : 17,66,980

ढोरी एरिया वित्तीय वर्ष : कुल उत्पादन : रेल डिस्पैच

  • 2018-19 : 61,22,955 : 52,71,880

  • 2019-20 : 42,00,103 : 34,18,077

  • 2020-21 : 30,27,047 : 27,60,835

  • 2021-22 : 40,13,241 : 32,27,053

  • 2022-23 : 39,80,945 : 27,84,652

    कहां-कहां खुलेगी नयी माइंस

  • बीएंडके एरिया में डीवीसी की बेरमो माइंस और

  • ढोरी एरिया में बंद पिछरी व अंगवाली माइंस के अलावा अंबाकोचा माइंस.

भविष्य में बेरमो कोयलांचल में कई परियोजनाएं अस्तित्व में आयेंगी : प्रभारी सीएमडी

इस संबंध में प्रभारी सीएमडी डॉ बी विरा रेड्डी ने कहा कि आने वाले समय में बेरमो कोयलांचल में कई बड़ी व महत्वाकांक्षी परियोजनाएं अस्तित्व में आयेंगी. माइंस के विस्तार में कुछ बाधाएं हैं, लेकिन जल्द ही निराकरण होगा. शिफ्टिंग व विस्थापन समस्या का हल होगा. फोरेस्ट व इनवायरमेंट क्लीयरेंस का मामला भी शार्ट आउट होगा.

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सीसीएल कोल इंडिया में 130 जूनियर अधिकारियों के प्रमोशन मामले में जांच की मांग

दूसरी ओर, कोल इंडिया में तत्कालीन चेयरमैन प्रमोद कुमार अग्रवाल द्वारा 130 जूनियर अधिकारियों को प्रमोशन देकर महाप्रबंधक बनाये जाने के मामले की जांच की मांग पूर्व मंत्री माधव लाल सिंह ने की है. इस संबंध में प्रधानमंत्री, कोयला मंत्री, सीवीसी के आयुक्त सहित अन्य संबंधित विभाग के अधिकारियों को पत्र भेजा है. श्री सिंह ने कहा कि वरीय अधिकारियों की जगह जूनियर अधिकारियों को प्रमोशन देकर जीएम बनाया जाना संदेह पैदा करता है.

कोल इंडिया के इतिहास में पहली बार एक साथ 133 अधिकारियों को दिया प्रमोशन

उन्होंने पत्र में लिखा कि कोल इंडिया के तत्कालीन चेयरमैन प्रमोद अग्रवाल द्वारा सीमपीडीआइ, इसीएल, बीसीसीएल, एनसीएल, एसइसीएल, डब्ल्यूसीएल, एमसीएल, सीआइएल और सीसीएल के 403 अधिकारियों को साक्षात्कार के लिए अलग-अलग तिथि में बुलाया गया था. साक्षात्कार तीन मार्च से 12 अप्रैल तक चला. साक्षात्कार के बाद 133 अधिकारियों को प्रमोशन देकर महाप्रबंधक बनाया गया. इसमें 130 जूनियर अधिकारी थे और तीन वरीय अधिकारी थे. कोल इंडिया के इतिहास में पहली बार एक साथ 133 अधिकारियों को महाप्रबंधक बनाया गया. जूनियर अधिकारियों को महाप्रबंधक बनाये जाने के पीछे पैसे के लेन-देन करने की बात सामने आयी है. इस मामले में कोल इंडिया की अनुषंगी इकाई के सीएमडी की भी भूमिका की जांच हो, जिन्होंने जूनियर अधिकारियों की सूची तैयार की. श्री सिंह का कहना है कि कोल इंडिया एक मिनी रत्न कंपनी है और वर्तमान में मुनाफे पर चल रही है. वरीय अधिकारियों की जगह जूनियर अधिकारियों को प्रमोशन देकर महाप्रबंधक बना दिये जाने से वरीय अधिकारियों में हीन भावना उत्पन्न हुई है, जो कंपनी के लिए नुकसानदायक है. मामले की जांच कर दोषी पर कार्रवाई की जाये.

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