प्रतिनिधि, भंडारीदह.
सीटीपीएस चंद्रपुरा व बीटीपीएस से उत्सर्जित छाई की ओवरलोड ट्रांसपोर्टिंग के विरोध में भंडारीदह, चंद्रपुरा व तांतरी के ऑनरों ने गुरुवार की शाम को भंडारीदह ओवरब्रिज समीप बैठक की. ऑनरों ने कहा कि छाई ढुलाई में सभी नियमों को ताक पर रखकर ट्रांसपोर्टिंग की जा रही है. इस संबंध में सीटीपीएस व बीटीपीएस प्रबंधन सहित संबंधित विभाग के अधिकारियों व पुलिस प्रशासन को लिखित शिकायत भी की गयी है, बावजूद कोई कार्रवाई नहीं की जा रही है. एसोसिएशन के गुलेश्वर महतो, अंशु राय व प्रेम मांझी ने कहा कि सीटीपीएस छाई प्वाइंट के कांटाघर में पूरा घालमेल किया जा रहा है. कांटा की सेटिंग को बदलकर ऑटोमैटिक वजन में दिया गया है. इससे 10 चक्का से लेकर 16 चक्का तक के डंपरों का अलग वजन क्षमता के मुताबिक कांटा नहीं होता है, जो गाड़ी जितनी छाई लोड लेकर आती है, ऑटोमैटिक मशीन में पांच सैकेंड में वजन हो जाता है. फिर यहां से कांटा का कंप्यूटराइज स्लिप नहीं देकर मैनुअल स्लिप अंडरलोड का बनाकर दिया जाता है. गाड़ियों में कंप्यूटराइज स्लिप दिया जाए. एसोसिएशन की मांग है कि कांटा में अलग अलग गाड़ियों के वजन क्षमता के मुताबिक वजन किया जाए. कांटा सेटिंग को पूर्व की तरह बदलकर वजन क्षमता के अनुसार किया जाए, ताकि ओवरलोड की संभावना को समाप्त किया जा सके. बैठक में कुणाल महतो, मंटू मिश्रा, कार्तिक मिश्रा, युगल साव आदि मौजूद थे. टीटीपीएस में यूनियन के प्रयास से सात ठेका श्रमिकों को मिली 31 माह की बकाया राशि: ललपनिया. झारखंड जनरल कामगार यूनियन टीटीपीएस, ललपनिया के प्रयास से सात मजदूरों का बकाया वेतन का भुगतान लेबर कोर्ट बोकारो में किया गया. इस संबंध में यूनियन के अध्यक्ष निखिल सोरेन ने बताया कि परियोजना में 2015 से 17 के बीच सात मजदूरों को 31 माह तक मिलने वाले न्यूनतम मजदूरी से कम पैसे का भुगतान संवेदक ने किया था. सभी मजदूर मेसर्स बीके जैन के अधीन कार्यरत थे. इस मामले को यूनियन ने बोकारो लेबर कोर्ट में रखा था. गुरुवार को सभी सातों मजदूरों को प्रति मजदूर पांच हजार का चेक न्यायालय में मिला.डिस्क्लेमर: यह प्रभात खबर समाचार पत्र की ऑटोमेटेड न्यूज फीड है. इसे प्रभात खबर डॉट कॉम की टीम ने संपादित नहीं किया है