नियोजन, रोजगार व जमीन का मुआवजा के लिए रैयत हैं आंदोलनरत : ललित नारायण
रैयतों का अनिश्चितकालीन धरना चौथे दिन भी रहा जारी, झारखंड आंदोलनकारी युवा मोर्चा के आंदोलन को मिला मासस का समर्थन
बोकारो. झारखंड आंदोलनकारी युवा मोर्चा की ओर से बीएसएल के टीसी कैनाल गेट को अनिश्चितकालीन जाम कर चौथे दिन सोमवार को भी धरना जारी रहा. कार्यक्रम का नेतृत्व कर रहे मोर्चा के केंद्रीय अध्यक्ष ललित नारायण ने कहा कि बीएसएल को विस्थापित अपनी जमीन देकर देश के विकास में महत्वपूर्ण योगदान दिया है. लेकिन, आज उनके वंशज बेरोजगारी भूखमरी, लाचारी व पलायन जैसी स्थिति का दंश झेलने को विवश है. आज बोकारो संयंत्र से देश का विकास हुआ, लेकिन विस्थापितों का विनाश हुआ है. इसके लिये सबसे बड़ा दोषी बोकारो प्रबंधन को मानते हैं. श्री नारायण ने कहा कि बोकारो प्रबंधन ने विस्थापितों की जमीन तो ले ली, लेकिन, विस्थापित आज भी नियोजन, रोजगार व जमीन का मुआवजा के लिए वंचित व आंदोलनरत है. उत्तरी क्षेत्र में जो नौ किलोमीटर बाउंड्री वॉल किया गया, उसमें अनपेमेंट जमीन रैयतों का उद्योग लगाने के नाम पर एसडीओ-चास बोकारो की अध्यक्षता में त्रि-पक्षीय समझौते के आधार पर बाउंड्री वॉल किया गया. लेकिन, बीएसएल प्रबंधन द्वारा आज तक लिये गये निर्णय का अनुपालन नहीं किया गया. कहा कि आंदोलन को मासस के केंद्रीय सचिव निताई महतो, मासस जिला अध्यक्ष दिलीप तिवारी, सचिव सुदामडीह, संतोष रवानी ने समर्थन दिया है. कार्यक्रम में मुख्य रूप से विदेशी महतो, सहदेव महतो, सचिन कुमार, सुनीता देवी, तारा देवी, अंजू देवी, मंजू देवी, विजय कुमार, सुनील कुमार, लखन महली, उपेंद्र महली, संतोष महली, सुबोध कुमार, उमेश महतो आदि उपस्थित थे.
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