चुनाव प्रचार में आया करता था राजा रामगढ़ का हेलिकॉप्टर

चुनाव प्रचार में आया करता था राजा रामगढ़ का हेलिकॉप्टर

By Prabhat Khabar News Desk | April 24, 2024 12:01 AM

बेरमो. गिरिडीह संसदीय सीट पर वर्ष 1957 के लोस चुनाव में छोटानागपुर संथाल परगना जनता पार्टी के काजी एसए मतीन ने कांग्रेस के नागेश्वर प्रसाद सिन्हा को हराया था. इसके पहले 1952 के लोस चुनाव में छोटानागपुर संथाल परगना जनता पार्टी के प्रत्याशी तारा किशोर पार्टी दूसरे स्थान पर रहे थे. 1962 के लोस चुनाव में एसडब्ल्यूए के प्रत्याशी बटेश्वर सिंह ने कांग्रेस के चपलेंदू भट्टाचार्य को हरा कर इस सीट पर कब्जा जमाया था. कहते हैं कि 1952 से 1967 के लोस चुनाव में राजा पार्टी की ओर से राजा रामगढ़ का हेलिकॉप्टर यहां चुनाव प्रचार के लिए आया करता था. इसे देखने के लिए भारी भीड़ उमड़ती थी. 50-60 के दशक में एक बार राजा पार्टी प्रत्याशी के पक्ष में राजा रामगढ़ कामख्या नारायण सिंह नावाडीह के पिपराडीह में हेलिकॉप्टर लेकर चुनावी सभा करने आये थे. उस वक्त नावाडीह के कांग्रेस नेता सह किसान हीरो महतो (भाजपा नेता स्व तारकेश्वर महतो के पिता) ने उन्हें काला झंडा दिखाया था. जानकारी के अनुसार हीरो महतो भी पहले राजा पार्टी में ही थे. लेकिन बाद में बिंदेश्वरी दुबे व रामाधार सिंह के साथ कांग्रेस में चले गये थे. जनसंघ ने लडा था 1967 का लोस चुनाव गिरिडीह सीट से वर्ष 1967 के चुनाव में जनसंघ की ओर से आरके प्रसाद प्रत्याशी बनाये गये थे और वह तीसरे स्थान पर रहे थे. इस चुनाव में कांग्रेस के इम्तियाज अहमद ने जीत दर्ज की थी. दूसरे स्थान पर एमएस ओबेराय रहे थे. जनसंघ प्रत्याशी श्री प्रसाद को कुल 37915 मत मिले थे. एक ही परिवार के तीन लोग में दो बने सांसद 1967 के चुनाव में कांग्रेस के टिकट पर सांसद बने डॉ इम्यिताज अहमद गिरिडीह के थे. डॉ इम्तियाज पूर्व विधायक डॉ सबा अहमद के पिता तथा पूर्व सांसद सह विधायक डॉ सरफराज अहमद के चाचा थे. 1977 के चुनाव में इम्तियाज अहमद पुन: कांग्रेस के उम्मीदवार बने. लेकिन जनता पार्टी प्रत्याशी रामदास सिंह से पराजित हो गये थे. इसके बाद वर्ष 1984 में कांग्रेस के टिकट पर उन्हीं के परिवार के डॉ सरफराज अहमद सांसद बने. इम्तियाज अहमद के पुत्र डॉ सबा अहमद ने गिरिडीह लोकसभा सीट से वर्ष 1996, 2009 तथा 2014 में चुनाव लड़ा था, लेकिन पराजित होते रहे. 1996 के चुनाव में वह दूसरे और 2009 व 2014 के चुनाव में तीसरे स्थान पर रहे थे. झामुमो के टिकट पर पिता व पुत्र बने सांसद गिरिडीह सीट से स्व बिनोद बिहारी महतो व उनके पुत्र स्व राजकिशोर महतो झामुमो के टिकट पर चुनाव जीत कर सांसद बने थे. बिनोद बिहारी महतो ने वर्ष 1991 के चुनाव में भाजपा के रामदास सिंह को पराजित किया था. लेकिन एक साल के बाद ही उनका निधन हो गया. इसके बाद वर्ष 1992 में इस सीट पर हुए उपचुनाव में उनके पुत्र राजकिशोर महतो को झामुमो ने टिकट दिया और वह जीत गये. राजकिशोर महतो ने इस सीट से वर्ष 1996 एवं 1998 का चुनाव झामुमो मार्डी के प्रत्याशी के रूप में चुनाव लड़ा था.

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