समाज को जोड़ने का कार्य करती है रामकथा : स्वामी रामदिनेशाचार्य
जारंगडीह में रामचरित मानस नवाह्न परायण यज्ञ का 9वां दिन, उमंग व उत्साह से हुआ प्रभु राम का राज्याभिषेक
जारंगडीह. जारंगडीह में आयोजित श्रीश्री रामचरितमानस नवाह्न परायण यज्ञ के नौवें दिन सोमवार की सुबह से ही श्रद्धालु पूजा-अर्चना व परिक्रमा के लिए यज्ञ स्थल पर उमड़ने लगे थे. यज्ञ आचार्य पुरेंद्र जी महाराज तथा पाठकर्ता मधुरेश ने नौ दिवसीय पाठ पूर्ण किया. सोमवार को गाजे-बाजे के साथ श्रद्धालुओं ने उत्साह व उमंग पूर्वक प्रभु श्रीराम का राज्याभिषेक किया. पूजा व परिक्रमा के क्रम में भक्तों ने गगनभेदी जयकारे लगाये. राज्याभिषेक के बाद भंडारा में श्रद्धालुओं ने प्रसाद ग्रहण किया. यज्ञ में मानस मर्मज्ञ और रामकथा के विद्वानों ने कथा सुनायी. अयोध्या के जगत गुरु स्वामी रामदिनेशाचार्य जी महाराज ने कहा कि रामराज समाज के सभी वर्गों के एक साथ उपस्थित होने पर स्थापित हो सकता है. रामराज की विशेषता थी कि किसी भी पिता के सामने उसके पुत्र की मृत्यु नहीं होती थी. कोई दुखी नहीं था. सभी लोग धर्म का पालन करते थे. आज भी रामकथा मौलिक चिंतन के साथ-साथ समाज को जोड़ने का कार्य करती है.
राम आयेंगे तो अंगना सजाऊंगी पर झूमे भक्त
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अयोध्या से पधारे आचार्य शत्रुघ्न शरण जी महाराज तथा बाल विदुषी हर्षिका किशोरी जी ने भी श्रोताओं को रामकथा का रसपान कराया. हर्षिका किशोरी ने कथा के दौरान राम आयेंगे तो अंगना सजाऊंगी, दीप जला कर दिवाली मनाऊंगी भजन की प्रस्तुति दी, जिसे सुनकर श्रोता मंत्रमुग्ध हो उठे. यज्ञ को सफलतापूर्वक संचालित करने में यज्ञ कमेटी के सदस्य सराहनीय भूमिका निभा रहे हैं.डिस्क्लेमर: यह प्रभात खबर समाचार पत्र की ऑटोमेटेड न्यूज फीड है. इसे प्रभात खबर डॉट कॉम की टीम ने संपादित नहीं किया है