संवाददाता, बोकारो.
बोकारो साइबर सेल की सक्रियता से बीएसएल के सेवानिवृत्त अधिकारी परमेश्वर कुमार का 13 लाख रुपया बचा लिया गया. यह तब संभव हुआ जब सेवानिवृत्त अधिकारी ने साइबर सेल को अपने साथ हुए घटना की जानकारी साइबर सेल के प्रभारी इंस्पेक्टर नवीन कुमार सिंह को दी. श्री कुमार ने प्रभारी इंस्पेक्टर श्री सिंह को बताया कि उनके साथ साइबर ठग ने 44 लाख रुपए की ठगी कर ली है. यह सुनते ही श्री सिंह ने परमेश्वर कुमार के बैंक अकाउंट को होल्ड करा दिया, जिससे उनके अकांउट में शेष 13 लाख रुपये ठगी होने से बच गये. फिलहाल रांची की सीआइडी टीम साइबर फ्रॉड के पूरे मामले की जांच शुरू कर दी है. परमेश्वर कुमार दो दिनों से रांची में सीआइडी टीम को सहयोग कर रहे हैं. नियम है कि दो लाख से अधिक के साइबर ठगी के मामले को रांची की मुख्यालय सीआइडी टीम खुद हैंडल करेगी. यही कारण है कि रांची सीआइडी टीम बोकारो घटनास्थल का दौरा कर रांची लौट गयी है.क्या है साइबर ठगी का पूरा मामला :
चास मुफस्सिल थाना क्षेत्र के मालती लक्जरिया सिटी में रहने वाले 73 वर्षीय बीएसएल सेवानिवृत अधिकारी परमेश्वर कुमार के मोबाइल पर तीन जून को श्री कुमार के कॉल आया. साइबर ठगों ने कहा कि उनके नाम से एक पार्सल मुंबई से ताइवान जा रहा था, जिसमें ड्रग्स पाया गया है. जबकि श्री कुमार ने कोई पार्सल कहीं भी नहीं भेजा था. ड्रग्स का नाम सुनकर श्री कुमार घबरा गये. साइबर क्रिमिनलों ने उन्हें धमकाना शुरू किया. झांसे में लेकर मोबाइल में टेलीग्राम डाउनलोड कराया. इसके बाद तीन दिनों तक टेलीग्राम के जरिए वीडियो सर्विलांस पर रखकर श्री कुमार के अकांउट से 44 लाख रुपये ट्रांसफर करा लिया. सात जून को बुजुर्ग दंपत्ति साइबर क्रिमिनलों के वीडियो सर्विलांस की निगरानी से मुक्त हुए. दो दिन तक सदमे में रहे. इसके बाद साइबर सेल की शरण में गये. साइबर सेल की पहल पर सीआइडी रांची में मामला दर्ज कर जांच शुरू कर दी.डिस्क्लेमर: यह प्रभात खबर समाचार पत्र की ऑटोमेटेड न्यूज फीड है. इसे प्रभात खबर डॉट कॉम की टीम ने संपादित नहीं किया है