Jharkhand News. Ranchi News रांची : रांची बाेकारो चंद्रपुरा इलाके के फुलझरिया बस्ती निवासी रंजीत सिंह को 16 मई को घर के पास टहलते हुए अपराधियों ने गोली मार दी थी. तब से यह गोली उनके फेफड़े और दिल के बीच ही फंसी हुई थी. नाजुक हालत में पहले उन्हें बोकारो जेनरल अस्पताल में भर्ती कराया गया, जहां से डॉक्टरों ने उन्हें रिम्स रेफर कर दिया. रिम्स कार्डियोलॉजी विभाग के डॉक्टरों ने पांच घंटे की जटिल सर्जरी की और उनकी जान बचा ली.
विभाग के डॉ राकेश कुमार ने बताया कि शुरुआत में हमें पता नहीं चल पाया कि गोली कहां फंसी हुई है. जब जांच शुरू की गयी, तो पता चला कि श्री सिंह को दो गोलियां लगी थीं. एक उनके दाहिने हाथ को छेदते हुए बाहर निकल गयी थी. वहीं, दूसरी गोली उनके हाथ से होते हुए सीने के वाॅल से टकराकर वापस मुड़ गयी और फेफड़े और छाती के बीच फंस गयी थी.
मेडिकल शब्दावली में इसे ‘रिकोजेट बुलेट’ कहते हैं. गोली अगर एक इंच भी इधर-उधर लगती, तो मरीज की जान मौके पर ही हो जाती. सीवियर इंज्यूरी की वजह से मरीज को सांस लेने में भी काफी दिक्कत हो रही थी. इसके चलते उन्हें वेंटिलेटरी सपोर्ट पर रखा गया. ऐसे में डॉक्टरों ने तुरंत सर्जरी करने का फैसला लिया.
सर्जरी के लिए कॉर्डियोलॉजी विभाग के डॉ विनित महाजन के नेतृत्व में एक टीम बनायी गयी, जिसमें सीटीवीएस से डॉ राकेश चौधरी, डॉ अंशुल, एनेस्थिसिया टीम से डॉ मुकेश, डॉ खुशबू, अमित ओटी असिस्टेंट शमीम और राजेंद्र शामिल थे. टीम ने सर्जरी के लिए नयी तकनीक ‘मिनी इस्टर्नटॉमी’ का प्रयोग किया. इसमें छाती के अंदर छोटा चीरा लगा कर फेफड़े के ऊपरी हिस्से और दिल की धमनियों के बीच फंसी गोली निकालना था. करीब पांच घंटे चली सर्जरी के बाद गोली निकाल दी गयी. मरीज अब खतरे से बाहर है.
Posted By: Sameer Oraon