बोकारो में 5 बार टेंडर के बाद बनी सड़क, पांच महीने में ही टूटने लगी, ग्रामीणों ने डीसी से की शिकायत
सड़क निर्माण में अनियमितता को लेकर ग्रामीण शुरू से ही विरोध दर्ज कराते रहे हैं. इसी साल एक मार्च को ग्राम सुधार समिति, कुंडौरी के सदस्यों व अन्य ग्रामीणों ने डीसी को पत्र लिखकर उन्हें पूरे मामले से अवगत कराया था.
बोकारो सेक्टर 09 से कुंडौरी तक 8.19 किमी की सड़क किसी पहेली से कम नहीं है. पहले सड़क निर्माण को लेकर टेंडर पर टेंडर जारी व कैंसिल होता रहा. पांचवीं बार टेंडर निकलने के बाद निर्माण कार्य शुरू हुआ, लेकिन एक तरफ निर्माण कार्य होता रहा, तो दूसरी तरफ से सड़क टूटने भी लगी. हालत यह है कि निर्माण के पांच महीने में ही सड़क टूटने लगी. कई जगह छोटे-छोटे गड्ढे भी हो गये हैं.
ग्रामीण शुरू से ही कर रहे थे विरोध
सड़क निर्माण में अनियमितता को लेकर ग्रामीण शुरू से ही विरोध दर्ज कराते रहे हैं. इसी साल एक मार्च को ग्राम सुधार समिति, कुंडौरी के सदस्यों व अन्य ग्रामीणों ने डीसी को पत्र लिखकर उन्हें पूरे मामले से अवगत कराया था. निर्माण एजेंसी को जब इस बात की भनक लगी, तो गड़बड़ी छिपाने के लिए कई जगह पीसीसी सड़क पर अलकतरा का छिड़काव कर दिया गया, ताकि गिट्टी उखड़ने के बाद बने गड्ढे को ढका जा सके. यह स्थिति कमोबेश पूरी सड़क की है.
उत्तरी विस्थापित क्षेत्र की कनेक्टिंग सड़क
सेक्टर 09 से कुंडौरी तक की सड़क की महत्ता इससे समझी जा सकती है कि वह उत्तरी विस्थापित क्षेत्र के 18 गांवों को जोड़ती है. सड़क को विस्थापित क्षेत्र का कनेक्टिंग हाइवे भी कहा जाता है. लंबे समय तक सड़क निर्माण की मांग हो रही थी. यह एकमात्र सड़क है, जिससे विस्थापित बोकारो स्टील सिटी से सीधे जुड़ पाते हैं. इतना ही नहीं सेक्टर 09 से तुपकाडीह होते फुसरो को भी यह सड़क जोड़ती है. बावजूद इसके सड़क निर्माण में कोताही बरतने की बात विस्थापितों को कचोट रही है.
सरकार के पेंच में फंसी थी सड़क
सड़क निर्माण कार्य का शिलान्यास पूर्व मुख्यमंत्री रघुवर दास ने किया, लेकिन कार्य साढ़े तीन साल बाद शुरू हुआ. कारण यह कि सरकार बदलने के बाद शुरुआत में ओवर स्टीमेट कह कर टेंडर कैंसिल कर दिया गया. स्टीमेट घटा-बढ़ा कर तीन बार टेंडर किया गया. आखिरकार 2023 में सड़क निर्माण का काम शुरू हुआ, लेकिन बनते ही टूटने लगी. 13 सितंबर 2019 में सबसे पहले 5,62,76,900 रुपये का टेंडर जारी किया गया था. इसके बाद 15 दिसंबर 2020 को 55924594 रुपये का टेंडर प्रकाशित हुआ. फिर 16 मार्च 2021 को दुबारा 5,59,24,594 रुपये का टेंडर जारी किया गया. इसके बाद दो जुलाई 2021 को फिर से 5,59,24,594 रुपये का टेंडर जारी किया गया.
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