फुसरो. फुसरो-जैनामोड़ मुख्य मार्ग में ओवरलोड छाई व कोयला ढुलाई, प्रदूषण और जर्जर सड़क को लेकर पिछरी के ग्रामीण मंगलवार को फिर अनिश्चितकालीन चक्काजाम आंदोलन पर उतरे. सुबह छह बजे से ही फुसरो-जैनामोड़ मुख्य मार्ग पर छाई व कोयला की ट्रांसपोर्टिंग बंद करा दी. कई वाहन दूसरे रूट से होकर गये. छाई व कोयला लदी कई गाड़ियों को हिंदुस्तान पुल सहित रास्ते में जहां-तहां खड़ा कर दिया गया. दोपहर में पेटरवार सीओ संतोष राम, जरीडीह सर्किल इंस्पेक्टर मुकेश कुमार पांडेय, पेटरवार थाना प्रभारी राजू कुमार मुंडा, बेरमो थाना प्रभारी रोहित कुमार सिंह पहुंचे और आंदोलनकारी से बात की. कहा कि बेरमो सीओ द्वारा आप लोगों की मांगों को लेकर बैठक करने का भरोसा दिलाया गया है. बैठक में अपनी बातों को रखें. हमलोगों भी आप सभी के साथ रहेंगे. 16 अक्टूबर को सीसीएल व डीवीसी अधिकारियों के साथ बैठक होगी. आंदोलनकारी सूरज महतो ने कहा कि पुलिस प्रशासन मामले को गंभीरता से लेकर प्रदूषण पर नियंत्रण करें. यदि पहल नहीं की गयी तो चुनाव के बाद फिर से आंदोलन करेंगे. आशीष पाल ने कहा कि अनुमंडल प्रशासन के उपस्थिति में बैठक होगी, तभी ग्रामीण भाग लेंगे, अन्यथा बैठक का बहिष्कार किया जायेगा. मौके पर आजसू पार्टी के प्रदेश कार्यसमिति सदस्य सूरज महतो, विधायक प्रतिनिधि आशीष पाल, राम भजन लायक, संजय मल्लाह, पवन मिश्रा आदि मौजूद थे. मालूम हो कि पिछरी पंचायत सहित तांतरी, मानगो, तुपकाडीह, खुटरी के ग्रामीणों द्वारा प्रदूषण के खिलाफ इससे पहले चक्काजाम आंदोलन 30 सितंबर से शुरू किया गया था. अगले दिन पेटरवार व कसमार थाना प्रभारी ने चार अक्टूबर को अनुमंडल प्रशासन व सीसीएल व डीवीसी प्रबंधन के वार्ता करवाने का लिखित आश्वासन देकर आंदोलन समाप्त कराया गया था. चार अक्टूबर को बेरमो अंचल कार्यालय में सीओ संजीत कुमार सिंह से वार्ता हुई थी. इसमें ग्रामीणों की आठ सूत्री मांगों पर तीन दिन का समय लिया गया था. ग्रामीणों का कहना है कि तीन दिन बाद भी मांगों पर पहल नहीं की गयी. इसके बाद 30 सितंबर से चक्काजाम आंदोलन करने का निर्णय लिया गया और बोकारो उपायुक्त सहित कई उच्चाधिकारियों को पत्र लिखा. इसमें कहा कि इस मार्ग में रोजाना हजारों ओवरलोड हाइवा का परिचालन होने से भयंकर प्रदूषण होता है. इससे कारण मार्ग में बाइक सवार दुर्घटना के शिकार होते हैं. स्कूल जाने वाले छोटे-छोटे बच्चों को परेशानी होती है. ओवरलोड ट्रांसपोर्टिंग के कारण सड़क भी जर्जर हो गयी है. इस सड़क से होकर सीसीएल और डीवीसी से हाइवा द्वारा कोयला और छाई की ट्रांसपोर्टिंग की जाती है. दोनों प्रबंधन द्वारा सड़क में पानी का छिड़काव नहीं किया जाता है.
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