बोकारो स्टील प्लांट के ब्लास्ट फर्नेस विभाग व सेल-आरडीसीआइएस की संयुक्त टीम ने एक बड़ी उपलब्धि हासिल की है. टीम ने पहली बार परीक्षण के आधार पर बीएसएल के ब्लास्ट फर्नेस नंबर 01 में ब्रिकेट चार्ज करने में सफलता हासिल की है.
SAIL में पहली बार हुआ ऐसा प्रयोग
यह सेल में इस तरह का पहला प्रयोग है. परियोजना बीएसएल के अधिशासी निदेशक (संकार्य) बीरेंद्र कुमार तिवारी के नेतृत्व में सीजीएम (आयरन) आरडीसीआईएस एके मिस्त्री व सीजीएम (ब्लास्ट फर्नेस) एमपी सिंह के मार्गदर्शन में कार्यान्वित हुआ है.
ब्रिकेट विकसित करने में मिली सेल को सफलता
प्लांट के रिटर्न सिंटर, स्लज व अन्य महीन अपशिष्ट पदार्थों के उपयोग से विकसित हुआ ब्रिकेट आरडीसीआइएस व बीएसएल ने प्लांट के रिटर्न सिंटर, स्लज व अन्य महीन अपशिष्ट पदार्थों का उपयोग करके सफलतापूर्वक ब्रिकेट विकसित किया है. यह लोहा बनाने की प्रक्रियाओं को सस्टेनेबल बनाने की दिशा में एक महत्वपूर्ण कदम है.
पर्यावरण प्रबंधन व संसाधन अनुकूलन की दिशा में बड़ी उपलब्धि
इतना ही नहीं, यह नयी तकनीक इस्पात निर्माण प्रक्रिया में पर्यावरण प्रबंधन व संसाधन अनुकूलन की दिशा में एक अहम उपलब्धि भी है. इससे टीम बोकारो स्टील लिमिटेड (बीएसएल) काफी उत्साहित है. यहां उल्लेखनीय है बीएसएल इस्पात उत्पादन के साथ पर्यावरण को लेकर भी सजग है.
परियोजना के सफल परीक्षण में बीएसएल व आरडीसीआईएस के इनकी रही सक्रियता
सफल परीक्षण में बीएसएल के सीजीएम (सिंटर प्लांट) बीके बेहरा, सीजीएम (आरएमएचपी) धनंजय कुमार, एम रॉय, जीएम (बीएफ), आरडीसीआईएस, श्यामसुंदर, जीएम (बीएफ) बीएसएल, के मिंज, जीएम (बीएफ) बीएसएल, आदर्श गुप्ता, जीएम (एसपी), अनिल कुमार, डीजीएम (एसपी) बीएसएल, संतोष कुमार, डीजीएम आरडीसीआईएस बोकारो, मनीष माधव, प्रबंधक (बीएफ), स्मिता टोप्पो, प्रबंधक व अभिजीत दास, प्रबंधक (दोनों आरडीसीआइएस बोकारो) सक्रिय रूप से शामिल थे.