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सेल बोकारो में शुरू अंतरराष्ट्रीय सम्मेलन, लौह उद्योग में रिफ्रैक्टरी के भविष्य पर हो रही चर्चा

बीएसएल के मानव संसाधन विकास केंद्र में बोकारो स्टील प्लांट की मेजबानी में दो दिवसीय लौह और इस्पात उद्योग में रिफ्रैक्टरी का भविष्य विषय पर अंतर्राष्ट्रीय सम्मेलन आरईएफआईएस-4.0 का शुभारंभ हुआ. सम्मेलन में आईआईटी-आईएसएम-धनबाद के निदेशक प्रो. राजीव शेखर बतौर मुख्य अतिथि उपस्थित रहे.

सुनील तिवारी, बोकारो

Bokaro News: बीएसएल के मानव संसाधन विकास केंद्र में बोकारो स्टील प्लांट की मेजबानी में दो दिवसीय लौह और इस्पात उद्योग में रिफ्रैक्टरी का भविष्य विषय पर अंतर्राष्ट्रीय सम्मेलन आरईएफआईएस-4.0 का शुभारंभ हुआ. सम्मेलन में आईआईटी-आईएसएम-धनबाद के निदेशक प्रो. राजीव शेखर बतौर मुख्य अतिथि उपस्थित रहे. इंडियन इंस्टीट्यूट ऑफ मेटल्स, बोकारो चैप्टर और इंडियन सेरामिक्स सोसाइटी के सहयोग से आयोजित इस सम्मेलन में सेल के सभी संयंत्रों के अलावा टाटा स्टील, जेएसडब्ल्यू, रिफ्रैक्टरी निर्माताओं सहित 350 से अधिक डेलिगेट भाग ले रहें हैं. इसमें 40 तकनीकी पेपर प्रस्तुत किये जायेंगे.

रिफ्रैक्टरी सेक्टर में आनेवाली चुनौतियों पर शोध कर समाधान पर बल

सम्मलेन के उद्घाटन सत्र में बीएसएल के निदेशक प्रभारी अमरेन्दु प्रकाश सहित सेल के अन्य निदेशक ऑन लाइन जुड़े हुए थे. सभी ने सम्मलेन के सफल आयोजन के लिए शुभकामनाएं दी. मुख्य अतिथि प्रो. राजीव शेखर ने रिफ्रैक्टरी सेक्टर में आनेवाली विभिन्न चुनौतियों पर गहन शोध कर उसके समाधान करने पर बल दिया. उन्होंने रिफ्रैक्टरी निर्माताओं से इस सेक्टर के लिए आवश्यक रा-मैटेरियल के आयात विकल्पों पर विशेष तौर पर ध्यान देने का संदेश दिया ताकि “आत्मनिर्भर भारत” व “मेक इन इंडिया” अभियान को मजबूती मिल सके. उद्घाटन सत्र के बाद तकनीकी सत्रों का आयोजन किया गया.

रिफ्रैक्टरी सेक्टर में देश को आत्म-निर्भर बनाने की रणनीति होगी तैयार

तकनीकी सत्रों के दौरान प्रतिभागियों द्वारा तकनीकी आलेखों का प्रस्तुतीकरण किया गया. अधिशासी निदेशक (संकार्य) बीके तिवारी, अधिशासी निदेशक (कार्मिक एवं प्रशासन) संजय कुमार, अधिशासी निदेशक (एसआरयू) पीके रथ व मंचासीन अन्य वरिष्ठ अधिकारियों ने सम्मलेन को प्रासंगिक बताया. विश्वास जताया कि देश-विदेश से जुटे विशेषज्ञ सम्मलेन के दौरान रिफ्रैक्टरी उद्योग से जुड़े विभिन्न चुनौतियों, विशेषकर वर्ष 2030 तक देश में इस्पात उत्पादन क्षमता 300 मिलियन टन के लक्ष्य को हासिल करने के परिप्रेक्ष्य में रिफ्रैक्टरी सेक्टर में देश को आत्म-निर्भर बनाने की रणनीति तैयार करेंगे आर उसे सफल करेंगे.

बोकारो में पहली बार आयोजित सम्मेलन आज भी रहेगा जारी

बोकारो में पहली बार आयोजित होने वाले इस सम्मेलन में वक्ताओं ने उम्मीद जताया कि विशेषज्ञ सम्मलेन के दौरान इंडस्ट्री-4.0 टेक्नोलोजी के इस्तेमाल द्वारा कम लागत व उच्च गुणवत्ता वाले रिफ्रैक्टरी का निर्माण और इस्पात एवं रिफ्रैक्टरी उद्योग के परस्पर हितों से संबंधित सभी बिन्दुओं पर गहन मंथन कर भविष्य के लिए रोड मैप तैयार कर सकेंगे. उल्लेखनीय है कि रिफ्रैक्टरी सामग्री का उपयोग इस्पात उद्योग में बड़े पैमाने पर किया जाता है. कम लागत व उच्च गुणवत्ता वाले रिफ्रैक्ट्री ब्रिक्स के उपयोग से स्टील उत्पादन के लागत में भी कमी आयेगी. सम्मेलन 24 सितंबर को भी जारी रहेगा.

स्टील इंडस्ट्री व रिफ्रैक्टरी के निर्माता और इसके उपयोगकर्ता हुये शामिल

अधिशासी निदेशक (संकार्य) बीके तिवारी, अधिशासी निदेशक (कार्मिक एवं प्रशासन) संजय कुमार, अधिशासी निदेशक (सामग्री प्रबंधन) ए श्रीवास्तव, अधिशासी निदेशक (परियोजनाएं) सीआर महापात्रा, सीईओ (बीपीएससीएल) केके ठाकुर, आयोजन समिति के अध्यक्ष व अधिशासी निदेशक (एसआरयू) पीके रथ, अधिशासी निदेशक (कोलियरीज) अनूप कुमार, अधिशासी निदेशक (माइंस) जे दास गुप्ता, सेल के अन्य अधिशासी निदेशक, आयोजन समिति के सह अध्यक्ष व मुख्य महाप्रबंधक (रिफ्रैक्टरी) वीपी उपाध्याय, आयोजन समिति के संयोजक सह महाप्रबंधक (रिफ्रैक्टरी) संदीप एस लाल, विभिन्न विभागों के मुख्य महाप्रबंधक, अन्य वरीय अधिकारी, इंडियन इंस्टीट्यूट ऑफ मेटल्स, बोकारो चैप्टर, इंडियन सेरामिक्स सोसाइटी के प्रतिनिधि, स्टील इंडस्ट्री व रिफ्रैक्टरी के निर्माता और इसके उपयोगकर्ता आदि उपस्थित थे.

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