महुआटांड़. लुगुबुरु घांटाबाड़ी धोरोमगाढ़ में 13 नवंबर से तीन दिवसीय अंतरराष्ट्रीय संताल सरना धर्म महासम्मेलन का आयोजन होगा. अब महज तीन दिन ही शेष हैं. पूरे ललपनिया में लोगों की चहलकदमी बढ़ गयी है. तैयारियों को अंतिम रूप दिया जा रहा है. जिला प्रशासन व समिति तैयारियों को लेकर रेस है. टेंट सिटी, दोरबार चट्टानी में पंडाल निर्माण आदि को तेजी से पूरा करने को लेकर कारीगर दिन-रात काम कर रहे हैं. चौक-चौराहों, गेस्ट हाउस, दोरबार चट्टानी परिसर में विद्युत सजावट का कार्य अंतिम चरण में है. दर्जनों चयनित स्थानों पर सैकड़ों सीसीटीवी कैमरे लगाये जा रहे हैं. दोरबार चट्टानी स्थित लुगुबुरु मार्ग की सफाई पर विशेष ध्यान दिया गया है. पार्किंग के लिए कोदवाटांड़, सड़क टोला, अघनु मांझी चौक के समीप मैदान, तिलैया आदि में जेसीबी से समतलीकरण कार्य कराया जा रहा है. मेला परिसरों में दुकानदारों को समिति द्वारा जगह का आवंटन लगभग कर दिया गया है. करीब 500 छोटी-बड़ी दुकानें (मिठाई, होटल, कपड़े, सजावट, बर्तन, फास्ट फूड) लगेंगी. इसके अलावा पारंपरिक वस्त्रों, औजारों, वाद्द यंत्रों की भी दुकान या स्टॉल लग रहे हैं. समिति द्वारा ऑफिसर्स क्लब में इस वर्ष भी लगातार 72 घंटे का भंडारा की तैयारी की गयी है. विभिन्न स्थानों पर लगभग एक दर्जन बड़े व छोटे एलइडी भी लगाये जायेंगे. इसमें सारे कार्यक्रमों की टेलीकास्टिंग होगी. विभिन्न जगहों पर अस्थाई शौचालय की व्यवस्था की जा रही है. समिति की तरफ से लगभग एक दर्जन प्वाइंट्स पर सैंकड़ों वोलेंटियर्स भी तैनात किये जा रहे हैं. श्रद्धालुओं को सुविधाएं मुहैया कराने पर बल दिया जा रहा है.
टेंट सिटी में दस हजार श्रद्धालुओं के रहने की होगी व्यवस्था
हर साल की तरह इस बार भी बाहर से आने वाले श्रद्धालुओं के ठहरने के लिए जिला प्रशासन की ओर से टेंट सिटी का निर्माण किया जा रहा है. इस बार टेंट सिटी बड़ा मैदान में बन रहा है. इसमें करीब दस हजार श्रद्धालुओं के रहने आदि की व्यवस्था होगी. पहले बड़ा मैदान में हेलीपेड बनता था और एसबीआइ ब्रांच के सामने टेंट सिटी. लेकिन एसबीआइ के निकट मैदान में स्थाई हेलीपेड का निर्माण करा दिया गया है. यहां भी बांस से बैरिकेडिंग का काम पूरा कर लिया गया है.कब क्या होगा
समिति के अध्यक्ष बबूली सोरेन व सचिव लोबिन मुर्मू ने बताया कि गुरुवार को मांझी बाबा, प्राणिक बाबा आदि का सेमिनार होगा. इसमें संतालियों के उत्थान, विकास, भाषा, धर्म, संस्कृति, परंपरा और विशाल विरासत के संरक्षण पर चर्चा कर सामाजिक निर्णय लिये जायेंगे. 15 नवंबर को कार्तिक पूर्णिमा पर मुख्य कार्यक्रम में लिये गये निर्णयों की घोषणा की जायेगी. विश्व भर के धर्म गुरु अपने विचार रखेंगे. संताली आदिवासियों के गौरवशाली इतिहास, संस्कृति और परंपरा को प्रदर्शित करते सांस्कृतिक कार्यक्रम होंगे. इस दौरान दोरबार चट्टानी में बैठक कर लाखों श्रद्धालु अपनी संस्कृति और परंपरा के इस उद्गम स्थल से अपनी धरोहर और सांस्कृतिक व पारंपरिक विरासत को सहेजने का संकल्प लेंगे.डिस्क्लेमर: यह प्रभात खबर समाचार पत्र की ऑटोमेटेड न्यूज फीड है. इसे प्रभात खबर डॉट कॉम की टीम ने संपादित नहीं किया है