झारखंड के संताली युवक की पुणे में मौत, शव पहुंचते ही गांव में पसरा मातम, परिजनों को मुआवजा का आश्वासन
ललपनिया (नागेश्वर) : झारखंड के बोकारो जिले के गोमिया प्रखंड अंतर्गत पचमो पंचायत के झुमरा पहाड़ के निकट उग्रवाद प्रभावित क्षेत्र सिमराबेड़ा गांव निवासी छोटेलाल मांझी (30 वर्ष) का महाराष्ट्र के पुणे में निधन हो गया. वह पिछले कुछ दिनों से बीमार थे. बीते 3 अक्तूबर 2020 को पुणे काम करने के लिए गये थे. वहां वह टावर लाइन में कार्यरत थे. इधर, परिजनों को मुआवजा का आश्वासन दिया गया है.
ललपनिया (नागेश्वर) : झारखंड के बोकारो जिले के गोमिया प्रखंड अंतर्गत पचमो पंचायत के झुमरा पहाड़ के निकट उग्रवाद प्रभावित क्षेत्र सिमराबेड़ा गांव निवासी छोटेलाल मांझी (30 वर्ष) का महाराष्ट्र के पुणे में निधन हो गया. वह पिछले कुछ दिनों से बीमार थे. बीते 3 अक्तूबर 2020 को पुणे काम करने के लिए गये थे. वहां वह टावर लाइन में कार्यरत थे. इधर, परिजनों को मुआवजा का आश्वासन दिया गया है.
छोटे लाल मांझी की एक सप्ताह पूर्व तबीयत बिगड़ गयी थी. तबीयत बिगड़ने के बाद उसे पुणे अवस्थित अस्पताल में प्राथमिक इलाज के लिए दाखिल किया गया था, जहां बीते 24 अक्टूबर को उसकी मौत हो गयी. वह जिस कंपनी में वह कार्यरत था, उस कंपनी के द्वारा किसी भी प्रकार की आर्थिक मदद नहीं की गयी.
इसके शव को रामगढ़ तक लाकर किसी दूसरे वाहन से गांव भेजने के लिए वाहन मुहैया करा कर परिवार व गांव वाले लोगों से बिना संपर्क किये वापस चला गया. इससे गांव व परिवार के सदस्यों में काफी नाराजगी है. सिमराबेड़ा पूर्ण रूप से संताली बहुल गांव है. सभी लोग छोटेलाल की मौत से सदमे में हैं. छोटे लाल की पत्नी के अलावा परिवार में एक पांच वर्षीया पुत्री है.
गोमिया के विधायक डॉ लंबोदर महतो ने कहा कि छोटेलाल मांझी जिस टावर कंपनी में कार्यरत थे, उस कंपनी से बात कर मुआवजा दिलाने की कोशिश की जायेगी. गोमिया अंचल के सीओ ओम प्रकाश मंडल ने कहा कि मृतक बीपीएल परिवार से है, तो उसे सरकारी प्रावधान के मुताबिक पारिवारिक लाभ दिलाया जायेगा. आपको बता दें कि गोमिया प्रखंड के ग्रामीण क्षेत्रों से पिछले दो वर्षों में रोजगार के लिए दूसरे प्रदेशों में गये एक दर्जन से भी अधिक ग्रामीणों की मौत कार्य करने के दौरान हो चुकी है.
Posted By : Guru Swarup Mishra