Jharkhand News, Bokaro News, तेनुघाट (बोकारो) : झारखंड के बोकारो जिला अंतर्गत नावाडीह थाना क्षेत्र के अलारगो में 20 मार्च, 2014 को घटित चर्चित संतोष पांडेय हत्याकांड में मंगलवार (12 जनवरी, 2021) को तेनुघाट व्यवहार न्यायालय (Tenughat civil Court) के जिला जज प्रथम राजीव रंजन ने दोषी करार 7 अभियुक्तों को आजीवन कारावास की सजा सुनायी. इसमें झारखंड के शिक्षा मंत्री जगन्नाथ महतो के भाई बैजनाथ महतो समेत 7 अभियुक्त शामिल हैं. सभी 7 अभियुक्तों को कोर्ट ने 10- 10 हजार रुपये का जुर्माना भी लगाया है. इधर, सजायफ्ता अभियुक्तों के अधिवक्ता कुमार अनंत मोहन सिन्हा ने इस फैसले के खिलाफ झारखंड हाईकोर्ट में जाने की बात कही.
अलारगो के संतोष पांडेय हत्याकांड मामले में तेनुघाट सिविल कोर्ट ने जिन 7 अभियुक्तों को आजीवन कारावास की सजा सुनायी, उसमें झारखंड के शिक्षा मंत्री जगन्नाथ महतो के भाई बैजनाथ महताे, गणेश भारती, नेमी पूरी, कैलाश पुरी, जितेंद्र पुरी, नीरज पुरी एवं केवल महतो शामिल हैं.
इधर, सजायफ्ता अभियुक्तों के अधिवक्ता कुमार अनंत मोहन सिन्हा ने कहा कि तेनुघाट सिविल कोर्ट के इस निर्णय के खिलाफ झारखंड हाईकोर्ट जायेंगे. उन्होंने कहा कि झारखंड हाईकोर्ट में अपील दायर की जायेगी.
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मृतक संतोष पांडेय के बड़े भाई राजेंद्र पांडेय ने फैसले पर कहा कि न्यायालय का पूर्ण सम्मान करते हैं. माननीय न्यायालय पर पूर्ण भरोसा था, भरोसा है ओर आगे भी रहेगा. फैसले से पूर्ण रूप से संतुष्ट हैं. लंबे समय तक हमलोगों ने मुकदमे को लड़े हैं और आखिरकार सच्चाई जीत की हुई है.
सभी 7 अभियुक्तों में से एक अभियुक्त बैजनाथ महतो पूर्व से जेल में बंद है तथा अन्य छह को 4 जनवरी, 2021 को न्यायालय द्वारा दोषी करार दिये जाने के बाद हिरासत में लेकर तेनुघाट जेल भेज दिया गया था.
मृतक के भाई अनंतलाल पांडेय के लिखित आवेदन पर नावाडीह थाना कांड संख्या 55/14 दर्ज किया गया था. जिसमें अनंत लाल पांडे ने अपने आवेदन में बताया था कि उसके छोटे भाई संतोष कुमार पांडे की हत्या पीट-पीटकर कर दी गयी थी. डुमरी विधायक जगन्नाथ महतो के आवास से थोड़ी दूर पर स्थित मंदिर के समीप जनता दरबार स्थल के सामने घटना को अंजाम दिया गया था. विधायक के भाई बैजनाथ महतो की अगुवाई में जितेंद्र पुरी, नेमी पूरी, गणेश भारती, कैलाश पुरी, केवल महतो, मेघलाल पुरी, सूरज पूरी द्वारा अमानवीय ढंग से बुरी तरह से पीटा गया. इस दौरान उन्होंने आरोप लगाया था कि घटना के वक्त विधायक खुद उपस्थित थे. उनके ललकारने पर उपरोक्त लोगों द्वारा सूचक के भाई को मारते- मारते बेहोश कर दिया गया. उसके बाद इलाज के लिए डीवीसी अस्पताल में भर्ती कराया गया. इलाज के दौरान उसकी मृत्यु हो गयी. उक्त बयान के आधार पर नावाडीह थाना में मामला दर्ज किया गया. अनुसंधान के क्रम में 10 अभियुक्तों के विरुद्ध मामला दर्ज किया गया. विधायक को भी तब इस मामले में अभियुक्त बनाया गया था, लेकिन घटना के तत्काल बाद अनुसंधान (एसआईटी जांच) के क्रम में उनके विरुद्ध कोई साक्ष्य नही मिलने पर उन्हे इस मामले से क्लिन चिट दे दिया गया.
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मामले की सुनवाई लगभग 7 वर्षों में पूरी हुई. अभियोजन की ओर से 34 गवाहों का बयान न्यायालय में दर्ज किया गया. अनुसंधान के बाद उपरोक्त 10 आरोपियों के खिलाफ हत्या का मामला दर्ज किया गया. इस दौरान आरोप पत्र समर्पित होने के बाद मामला स्थानांतरित होकर तेनुघाट व्यवहार न्यायालय के जिला जज प्रथम राजीव रंजन के न्यायालय में आया. जहां अभियुक्तों के विरुद्ध हत्या की धारा 302/34 में आरोप गठन किया गया. अभियोजन की ओर से अपर लोक अभियोजक संजय कुमार सिंह तथा बचाव पक्ष की ओर से अधिवक्ता सत्यनारायण डे, कुमार अनंत मोहन सिन्हा एवं अरुण कुमार सिन्हा ने बहस किया.
अलारगो गांव निवासी गणेश भारती ने अपनी बहन का अपहरण कर लिए जाने का मामला संतोष पांडेय के खिलाफ नावाडीह थाना कांड संख्या 52-14 के तहत दर्ज कराया था. जिसमें मृतक संतोष पर युवती को 14 मार्च, 2014 को अपहरण करने का आरोप था, लेकिन युवक-युवती की बरामदगी के क्रम में घटित मारपीट की घटना के बाद आरोपी की मौत हो जाने के बाद यह मामला समाप्त कर दिया गया. युवती की बरामदगी के बाद न्यायालय में दप्रस की धारा 164 के तहत बयान दर्ज कराया गया था.
Posted By : Samir Ranjan.