Jharkhand news: सभी लोग जानते हैं कि झारखंड में 1932 का ही खातियान लागू होगा. इसलिए सभी चाहते हैं कि बहती गंगा में हाथ धो लें. लोगों को दिखाने के लिए दूसरे दल के लोग ऐसा कर रहे हैं. जनता को दिखाना चाहते हैं कि हमारा भी इसमें सहयोग है. 1985 में भी इनलोग रहे अब 1932 में भी हैं. उक्त बातें राज्य के शिक्षा मंत्री जगरनाथ महतो ने बोकारो जिला अंतर्गत भंडारीदह स्थित अपने आवासीय कार्यालय में प्रभात खबर के साथ विशेष बातचीत में कही.
मंत्री श्री महतो ने कहा कि 1932 की मांग बिल्कुल जायज है. जब हम बिहार में थे तब भी 1932 के खतियान के आधार पर ही हमारा जाति, आय और आवासीय नर्गित होता था, आज भी हो रहा है. जब बिहार सरकार ने 1932 के खतियान को आधार माना था और अब हम अब बिहार से अलग हो गये हैं, तो 1985 किस आधार पर होगा.
उन्होंने कहा कि वर्ष 2000 में जब बाबूलाल मरांडी की पहली सरकार बनी, तो यही स्थानीय नीति की मांग हुई. वह 1932 के ट्रेक पर चल रहे थे, लेकिन तब कुछ लोगों ने सरकार गिराने का काम किया. स्थानीय नीति का विरोध करने वाले ये सभी लोग दूसरी बार विधानसभा का मुंह नहीं देख सके.
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मंत्री श्री महतो ने कहा कि झारखंड में पहली बार इतना बड़ा बजट आया है. शिक्षा विभाग में 11.5 हजार करोड़ का बजट है. सरकार शिक्षा को बेहतर करने में हर दिशा पर पहल कर रही है. सभी जिले में एक, सभी प्रखंड में एक तथा सभी पंचायत में एक मॉडल स्कूल बनेगा. जिसमें छात्राओं के लिए हॉस्टल का निर्माण होगा. बच्चों के लिए बस सेवा मिलेगी. कहा कि कोराना काल में बच्चों की शिक्षा जो बाधित हुई, उसकी पूरी भरपाई करना संभव नहीं होगा. बावजूद हमलोग प्रयास कर रहे हैं. कहा कि पारा शिक्षकों की समस्या का समाधान हमलोगों ने कर दिया. बढ़े हुए वेतनमान का भुगतान भी हो गया. 26 हजार शिक्षकों के रिक्त पद को मार्च-अप्रैल तक भरने जा रहे हैं. 60 हजार शिक्षकों के पद सृजन को लेकर प्रक्रिया जारी है.
उन्होंने कहा कि मई माह तक पंचायत चुनाव हर हाल में होगा. जनता का जनप्रतिनिधि से काम के प्रति लालसा रहता है. कहा कि चंद्रपुरा प्रखंड का स्कूल गोमिया में अभी संचालित है. आज नर्रा में बालिका विद्यालय का भूमि पूजन हुआ, जहां जल्द स्कूल संचालित होंगे. साथ ही कहा कि जो नियोजन होंगे उसमें नियोजन नीति को लेकर मैट्रिक और इंटर को लेकर बाध्यता है. वह दूसरे राज्य में है. अगर इसमें भी जरूरत होगा, तो संशोधन किया जायेगा. जिस मकसद से अलग राज्य बना है, वह पूरा होगा.
मंत्री श्री महतो ने कहा कि जब 1932 का खतियान लागू होगा, तो नियोजन नीति का मामला स्वत: खत्म हो जायेगा. वहीं, नई शराब नीति में छत्तीसगढ़ को कंस्लटेंट बहाल किया गया है. उसमें हमारा राजस्व कैसे बढ़ेगा इस पर ध्यान दिया जा रहा है. राज्य में पहले 25 स्टोर थे. अब केवल पांच स्टोर होंगे. दो नंबर अवैध शराब की बिक्री पर भी रोक रहेगी.
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उन्होंने कहा कि अभी एक नया कानून लागू होने जा रहा है जिसमें पांच लीटर से अधिक शराब पाये जाने पर अवैध माना जायेगा और वह गैरजमानतीय होगा. एक सवाल के जवाब में कहा कि रांची में स्थानीय नीति को लेकर कुछ लोग आंदोलन कर रहे हैं. जब सरकार 1932 के स्थानीय नीति को लेकर पक्षधर हैं, तो उन्हें आंदोलन करने की क्या जरूरत है.
Posted By: Samir Ranjan.