बोकारो, रंजीत कुमार : हर माता-पिता का सपना उनके बच्चों से शुरू होता है और बच्चों पर ही खत्म होता है. यदि किसी के आंख का तारा कुछ पल के लिए गुम हो जाता है, तो माता-पिता बेहाल हो उठते है. अब जिस माता-पिता की जान सी प्यारी बेटी चार साल से लापता है. उसका क्या हाल होगा. पिंड्राजोरा थाना क्षेत्र के गिरधरटांड़ गांव के रहनेवाले उषा झा व राम कृष्ण झा की पुत्री सेजल झा 16 अक्तूबर 2020 से लापता है. दंपती की आंखों का पानी किसी भी दिन नहीं सूखता है. हर दिन दरवाजे के तरफ अपनी बेटी सेजल उर्फ पाखी के लौटने का इंतजार करती है. हर पल लगता है कि कोई कह दे कि सेजल आ गयी.
घरवालों को है चार सालों से अपनी बेटी के घर लौटने का इंतजार
दरवाजे पर होने वाले हर आहट पर दिल मचल उठता है. जिसे बचपन से एक पल के लिए भी आंखों से दूर नहीं किया. चार साल से उनकी पुत्री आंखों से दूर है. माता-पिता घुट-घुट कर जी रहे हैं. अपने क्षेत्र के हर चौखट पर जा चुके है. झारखंड का हर दरवाजा खटखटा चुके है. पिछले चार सालों में सब जगहों पर नाकामी हाथ लगी. मिला तो केवल आश्वासन मिला. बोकारो पुलिस से विश्वास उठा गया. अब सीबीआइ सहित किसी भी स्वतंत्र एजेंसी जांच की मांग कर रही है. जो उनकी बेटी का पता बता दे. उनसे उनके दिल के टुकडे को मिला दे. सुबह से शाम तक माता-पिता के आंखों से आंसू बहते है.
क्या है पूरा मामला
चास प्रखंड के गिरधरटांड़ की रहनेवाली नाबालिग सेजल झा 16 अक्तूबर 2020 को दिन के 10.45 बजे बगल के गांव कुरमा ट्यूशन पढ़ने निकली थी. ठीक 15 मिनट बाद 11 बजे सुबह एक ट्रैक्टर चालक को मुख्य सड़क पर एक साइकिल, चप्पल व किताब गिरी दिखाई दी. चूंकि सेजल का घर मुख्य सड़क से लगभग 400 मीटर की दूरी पर था. इस कारण चालक ने उसके घर खटखटा कर मामले को बताया. सेजल के परिजन जब वहां पहुंचे, तो सारा सामान सेजल का ही बिखरा पड़ा मिला.
घरवालों ने गायब होने की सूचना पुलिस को दी
सेजल के घायब होने की घटना की जानकारी परिजनों ने पिंड्राजोरा थाना को दिया. पुलिस छानबीन में जुट गयी.
लगातार छानबीन करने के बाद भी पता नहीं चल रहा था. ऐसे में एक सप्ताह के अंदर तत्कालीन एसपी चंदन झा ने एसआइटी टीम का गठन किया. लेकिन कोई फायदा नहीं हुआ. घटना को लेकर बोकारो पुलिस पर दबाव पड़ा. ऐसे में पुलिस रेस हुई. आसपास के दर्जनों लोगों से पूछताछ की गयी. कुछ भी परिणाम हाथ नहीं लगा.
सीएम और डीजीपी के पास भी पहुंचा मामला
मामला डीजीपी के समक्ष गया. तत्कालीन एसपी प्रियदर्शी आलोक की टीम ने सेजल की बरामदगी को लेकर परिजन के साथ कई राज्यों में संभावित जगहों पर छापामारी की. पर कुछ भी हाथ नहीं लगा. परिजन मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन से रांची में जाकर मिले.
घरवालों ने विधायकों और मंत्रियों के दरवाजे खटखटाये
बोकारो विधायक बिरंची नारायण सहित कई मंत्री व विधायकों के दरवाजे खटखटाये. जांच करनेवाले हर पुलिस अधिकारी से मिलकर जांच में हर तरह से सहयोग किया. बोकारो विधायक श्री नारायण ने सेजल की गुमशुदगी को लेकर विधानसभा में मामला उठाया. झारखंड सरकार से सेजल की सकुशल बरामदगी का आग्रह किया. पिछले चार सालों से केवल आश्वासन व कार्रवाई का सिलसिला चल रहा है. सेजल कहां लापता है किसी के पास जवाब नहीं है. माता-पिता अपने स्तर से भी खोजबीन में जुटे है.
अब केवल अदालत पर भरोसा : सेजल की मां
सेजल की मां उषा झा ने कहा कि हर पल बिटिया का इंतजार है. इस उम्मीद में मोबाइल ऑन रखती हूं कि शायद कोई सेजल के बारे में कुछ भी जानकारी दे. सरकार सीबीआइ या किसी भी स्वतंत्र एजेंसी से मामले की जांच कराये. केवल अदालत पर ही भरोसा रह गया है. जल्द ही झारखंड हाईकोर्ट में बेटी की बरामदगी को लेकर प्रार्थना पिटीशन दायर करेंगे.
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क्या कहते हैं बोकारो एसपी
बोकारो एसपी पूज्य प्रकाश कहते हैं कि मामले की जानकारी नहीं थी. पूरी जानकारी लेने के बाद मामले में पहल करेंगे. परिवार से पूरी घटनाक्रम व अब तक जांच प्रक्रिया की जानकारी लेंगे.