Bokaro News : आदिवासी सेंगेल अभियान के झारखंड प्रदेश अध्यक्ष देवनारायण मुर्मू ने भारत के राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू और झारखंड के राज्यपाल संतोष गंगवार को पत्र प्रेषित कर संताली भाषा को झारखंड में प्रथम राजभाषा का दर्जा देने व 22 दिसंबर को हासा भाषा विजय दिवस पर राजकीय अवकाश घोषित करने की मांग की है. प्रेषित पत्र में इन्होंने कहा है कि आगामी 22 दिसंबर का दिन हम भारत और दुनिया के आदिवासियों के लिए एक स्वर्णिम ऐतिहासिक दिन है. इसी दिन महान् वीर शहीद सिदो मुर्मू के नेतृत्व में हुए संताल हुल (30 जून 1855) का प्रतिफल 22 दिसंबर 1855 को संतालपरगना दिशोम और संताल परगना टेनेंसी एक् अर्थात जमीन बचाने का कानून पास हुआ है. उसी प्रकार पूर्व सांसद सालखन मुर्मू के नेतृत्व में संताली भाषा मोर्चा बना कर लगातार आंदोलन और लोकसभा में संताली भाषा को आठवीं अनुसूची में शामिल कराने का आवाज़ बुलंद करने से 22 दिसंबर 2003 को संताली भाषा को राष्ट्रीय मान्यता मिली है. इसलिए राष्ट्रीय मान्यता प्राप्त संताली भाषा को झारखंड में प्रथम राजभाषा का दर्जा दिया जाए, ताकि पठन-पाठन, सरकारी कार्य में उपयोग कर इसे संरक्षित एवं संवर्धित किया जा सके. साथ ही 22 दिसंबर को हासा-भाषा जीतकर माहा अर्थात मातृभूमि और मातृभाषा विजय दिवस पर राष्ट्रीय एवं राजकीय अवकाश घोषित किया जाए.
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