बोकारो. आनंद मार्ग प्रचारक संघ की ओर से आयोजित तीन दिवसीय विश्व स्तरीय धर्म महासम्मेलन के प्रथम दिन शुक्रवार को आनंद नगर में कौशिकी व तांडव नृत्य किया गया. साधकों को संबोधित करते हुए पुरोधा प्रमुख श्रद्धेय आचार्य विश्वदेवानन्द अवधूत ने समर्पण भाव से बाबा नाम केवलम कीर्तन करने से पाप नष्ट होगा. कीर्तन की महिमा के विषय में उन्होंने कहा कि प्रभु के दो पक्ष है. एक है निर्गुण और दूसरा है सगुण. भक्तों ने भगवान का नामकरण किया. उसके बाद भगवान ‘नामी’ कहलाये. क्योंकि उनको नाम दिया गया. जब हम किसी को उसके नाम लेकर बुलाते हैं तो भीड़ में भी वही उत्तर देता है. इस प्रकार भगवान कहते हैं भक्तों को कि तुमने मुझे नाम देकर नामी बना दिया. उन्होंने कहा कि बाबा नाम हरिनाम है. जो इसका जप करता है वो बुद्धिमान है. पुरोधा प्रमुख ने कहा कि पिछले 700 दिनों से आनंद नगर में अखंड कीर्तन चल रहा है. इसलिए जो भी यहां आये है खूब कीर्तन करें. कीर्तन से पेड़-पौधे, पशु-पक्षी, सजीव व निर्जीव सभी प्रभावित होते हैं. सभी इसका आनंद लेते है. जो भी इसे सुनेगा उनका मन पवित्र होगा.
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