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Jharkhand News : यूएन में इमरान खान को करारा जवाब देने वाली स्नेहा दुबे का क्या है झारखंड कनेक्शन

संयुक्त राष्ट्र (यूएन) में भारत की प्रथम सचिव स्नेहा दुबे का बचपन संघर्षों के बीच बीता है. उनके पिता जेपी दुबे केबुल कंपनी में इंजीनियर के पद पर कार्यरत थे. उनका परिवार केबुल टाउन में ही रहता था, लेकिन वर्ष 2000 में केबुल कंपनी अचानक बंद होने के कारण परिवार गोवा में शिफ्ट हो गया था.

Jharkhand News, जमशेदपुर न्यूज (संदीप कुमार) : जमशेदपुर ने एक बार फिर अंतरराष्ट्रीय फलक पर भारत का सिर ऊंचा किया है. शनिवार को संयुक्त राष्ट्र की आम सभा में पाकिस्तान के प्रधानमंत्री इमरान खान ने अपना संबोधन दिया. जिसमें उन्होंने प्रत्यक्ष व परोक्ष रूप से भारत पर कई आरोप लगाये. इसके बाद भारत की ओर से राइट टू रिप्लाई के तहत संयुक्त राष्ट्र (यूएन) में भारत की प्रथम सचिव सह जमशेदपुर की बिटिया स्नेहा दुबे ने पाकिस्तान के प्रधानमंत्री इमरान खान पर करारा हमला किया. उन्होंने कहा कि पाकिस्तान खुद को फायर फाइटर (आग बुझाने वाला) बताता है, लेकिन वास्तव में वह आगजनी करने वाला देश है.

उन्होंने कहा कि पाकिस्तानी प्रधानमंत्री ने भारत के अंदरूनी मामलों को दुनिया के मंच पर लाने और झूठ फैलाकर भारत की छवि को धूमिल करने की कोशिश की है, जबकि पाकिस्तान वह देश है जहां आतंकवादी स्वतंत्र हैं. अपने पड़ोसियों को परेशान करने के लिए पीछे से वह आतंकवाद को प्रायोजित करता है. पाकिस्तान की इन्हीं नीतियों की वजह से वहां आतंकवादियों को खुली छूट मिली हुई है, उनकी इस नीतियों का इसका नुकसान ना सिर्फ भारत को बल्कि पूरी दुनिया को उठानी पड़ रही है.

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संयुक्त राष्ट्र (यूएन) में भारत की प्रथम सचिव स्नेहा दुबे का बचपन संघर्षों के बीच बीता है. उनके पिता जेपी दुबे केबुल कंपनी में इंजीनियर के पद पर कार्यरत थे. उनका परिवार केबुल टाउन में ही रहता था, लेकिन वर्ष 2000 में केबुल कंपनी अचानक बंद हो गयी. अचानक परिवार के सामने संकट होने की वजह से उनके पिता जेपी दुबे ने आजीविका चलाने के लिए दूसरी कंपनियों में रोजगार पाने का प्रयास किया. इसी बीच उनकी नौकरी फिनोलेक्स केबुल कंपनी में लग गयी. यहां नौकरी लगने के बाद जेपी दुबे अपनी पत्नी व बेटी स्नेहा दुबे के साथ गोवा शिफ्ट हो गये. वहां शिफ्ट होने के बाद स्नेहा दुबे ने गोवा से ही प्रारंभिक पढ़ाई पूरी की.

स्नेहा दुबे ने वर्ष 2011 में पहले ही प्रयास में सिविल सर्विसेज की परीक्षा पास की. स्नेहा ने पुणे के फर्ग्यूसन कॉलेज से ग्रेजुएशन की पढ़ाई की. स्नेहा को भारतीय विदेश सेवा में शामिल होने का बहुत शौक था, चूंकि उनकी अंतरराष्ट्रीय मुद्दों में रुचि थी, इसलिए उन्होंने दिल्ली के जेएनयू में स्कूल ऑफ इंटरनेशनल स्टडीज से एमफिल की पढ़ाई पूरी की. वह 12 साल की उम्र से ही भारतीय विदेश सेवा में शामिल होना चाहती थीं. 2011 में अपने पहले प्रयास में ही उन्होंने सिविल सर्विस परीक्षा पास की. वे 2012 बैच की महिला आईएफएस अधिकारी हैं.

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इंटरनेशनल सर्विस के लिए चुने जाने के बाद स्नेहा दुबे की पहली नियुक्ति विदेश मंत्रालय में हुई थी. कुछ साल बाद उन्हें संयुक्त राष्ट्र महासभा में भारत की प्रथम सचिव के रूप में नियुक्त किया गया. फिर अगस्त 2014 में उन्हें मैड्रिड स्थित भारतीय दूतावास भेज दिया गया था. स्नेहा के पिता केबुल कंपनी में कार्य करने के बाद फिनोलेक्स केबुल कंपनी में नौकरी करते थे. जानकारी के अनुसार वह अपने परिवार में ऐसी पहली थी, जो सरकारी सेवा में लगी हों. वहीं, यह पहली बार नहीं है जब भारत की किसी महिला ने पाकिस्तान को कड़ा जवाब दिया हो. इससे पहले एनएम गंभीर और विदिशा मित्रा भी यह कार्य कर चुकी हैं.

Posted By : Guru Swarup Mishra

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