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मजदूर यूनियनों की बैठक में हुआ फैसला
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तीन दिनी हड़ताल सफल होने का दावा
बेरमो : कॉमर्शियल माइनिंग के खिलाफ मजदूर संगठनों की तीन दिनी हड़ताल शनिवार को समाप्त हो गयी. हड़ताल को पूर्णत: सफल बताते हुए मजदूर संगठनों ने शनिवार को वीडियो कांफ्रेंसिंग से मीटिंग की. इसमें इंटक, एटक, सीटू, एचएमएस और बीएमएस के प्रतिनिधियों ने हिस्सा लिया. तय किया गया कि अगर केंद्र सरकार ने जुलाई माह तक कॉमर्शियल कोल माइनिंग का फैसला वापस नहीं लिया, तो 18 अगस्त को एक बार फिर हड़ताल की जायेगी.
मजदूर संगठनों ने प्रबंधन से मांग की कि हड़ताल के दौरान में किसी भी प्रकार की दंडात्मक कार्रवाई मजदूर पर नहीं किया जाये. ऐसे महाप्रबंधक या अधिकारी, जिन्होंने बाहरी व्यक्तियों या असामाजिक तत्वों से सहायता लेकर कंपनी का कार्य कराया है, उनके उपर अनुशासनात्मक कार्रवाई की जाये.
आउटसोर्सिंग में कार्यरत ठेका मजदूरों को हाई पावर कमेटी द्वारा अनुशंसित मजदूरी का भुगतान नहीं करनेवाले कंपनी वरीय अधिकारियों पर कार्रवाई हो. पूंजी निवेश करने वाले पूंजीपतियों से अपील की गयी कि वे कोयला उद्योग में निवेश न करें. बैठक में रमेंद्र कुमार, डॉ बीके राय, नाथूलाल पांडेय, एसक्यू जमा एवं डीडी रामानंदन, लखन लाल महतो, राजेश कुमार सिंह आदि शामिल थे.
अंतिम दिन भी बेरमो क्षेत्र में हड़ताल असरदार
हड़ताल के तीसरे व अंतिम दिन शनिवार को भी बेरमो कोयला क्षेत्र अंतर्गत सीसीएल के बीएंडके, ढोरी व कथारा एरिया में कोयला उत्पादन, डिस्पैच पर असर पड़ा. बीएंडके के मुकाबले में कथारा व ढोरी में कामगारों की उपस्थिति काफी कम रही. जबकि बीएंडके एरिया में 6070 फीसदी कर्मियों ने हाजिरी बनायी. विरोध में संयुक्त मोरचा के नेताओं ने चूड़ी पहनाओ प्रदर्शन किया. गिरिडीह कोलियरी में भी हड़ताल के पूरी तरह सफल होने का दावा किया गया है.