22.1 C
Ranchi

BREAKING NEWS

Advertisement

कोयला उद्योग में हड़ताल : कोल इंडिया को होगा अरबों का नुकसान, सीसीएल में एक दिन की हड़ताल से एक लाख टन उत्पादन पर पड़ेगा असर

कॉमर्शियल माइनिंग को मंजूरी समेत केंद्र सरकार की नीतियों के खिलाफ केंद्रीय श्रमिक संगठन एटक, बीएमएस, एचएमएस, इंटक और सीटू ने कोयला उद्योग में दो से चार जुलाई तक तीन दिवसीय हड़ताल करने का निर्णय लिया है.

राकेश वर्मा, बेरमो : कॉमर्शियल माइनिंग को मंजूरी समेत केंद्र सरकार की नीतियों के खिलाफ केंद्रीय श्रमिक संगठन एटक, बीएमएस, एचएमएस, इंटक और सीटू ने कोयला उद्योग में दो से चार जुलाई तक तीन दिवसीय हड़ताल करने का निर्णय लिया है. असरदार हड़ताल हुई तो कोल इंडिया को अरबों रुपये का नुकसान होगा. 36 से 40 लाख टन उत्पादन और 40 से 45 लाख टन डिस्पैच प्रभावित होगा. सीसीएल को तीन लाख टन उत्पादन और चार लाख टन डिस्पैच प्रभावित होगा. मालूम हो कि फिलहाल लॉकडाउन के कारण कोल इंडिया का उत्पादन ग्राफ गिरा है. वर्तमान में कोल इंडिया रोजाना लगभग 12 लाख टन उत्पादन और 13-14 लाख टन कोयला डिस्पैच कर रही है. लॉकडाउन में पावर प्लांटों से डिमांड कम हो जाने के कारण कोल इंडिया के पास काफी मात्रा में स्टॉक जमा हो गया है.

सीसीएल फिलहाल प्रतिदिन लगभग एक लाख टन उत्पादन तथा सवा लाख टन कोयला डिस्पैच कर रही है. सीसीएल में 31 मार्च तक 13 मिलियन टन का कोल स्टॉक हो गया था. अप्रैल से जून तक सीसीएल ने कोल स्टॉक से करीब 30 लाख टन कोयला का डिस्पैच कर दिया है.

कल यूनियनों से बात करेंगे सीएलसी : मालूम हो कि 18 जून को हड़ताल के संबंध में यूनियनों ने नोटिस कोयला मंत्रालय के सचिव को दिया है. हड़ताल को लेकर 26 जून को कोयला

मंत्रालय के संयुक्त सचिव ने यूनियनों के साथ एक बैठक बुलायी थी. लेकिन इसमें शामिल होने का बीएमएस ने विरोध किया. इसके बाद अन्य सभी चार मान्यता प्राप्त यूनियनों ने भी इस बैठक में शिरकत नहीं की. अब 30 जून को डिप्टी चीफ लेबर कमिश्नर

सभी मजदूर संगठनों से वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग के जरिये बात करेंगे. फिलहाल अभी तक सरकार की ओर से पुन: किसी तरह की बैठक की सूचना नहीं आयी है.

यूनियनें जुटी हैं तैयारी में : इधर, हड़ताल को सफल बनाने को लेकर कई दिनों से लगातार मजदूर संगठनों की ओर से एरिया, परियोजना व माइंस में कोयला मजदूरों के बीच पिट मीटिंग की जा रही है. कॉमर्शियल माइनिंग के विरोध में 10-11 जून को पूरे कोयला उद्योग में मजदूर संगठनों‍ ने विरोध दिवस मनाया था. 18 जून को प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी द्वारा कुल 41 कोल ब्लॉक की नीलामी की प्रक्रिया शुरू की गयी थी.

इस दिन मजदूर संगठनों ने कोल इंडिया की सभी कंपनियों व एरिया मुख्यालय के समक्ष प्रदर्शन करते हुए प्रबंधन को कोयला सचिव के नाम हड़ताल का नोटिस सौंपा था. मालूम हो कि फिलहाल कोल इंडिया में कार्यरत कर्मियों की संख्या लगभग 2.73 लाख है. 28 अगस्त 2019 को कोयला उद्योग में 100 फीसदी एफडीआइ का फैसला सरकार ने लिया था. इसके बाद कोयला मजदूरों ने 24 सितंबर को ऐतिहासिक हड़ताल की थी.

क्या हैं श्रमिक संगठनों की मांगें : कोयला उद्योग में काॅमर्शियल माइनिंग का फैसला वापस लिया जाये, कोयला उद्योग के निजीकरण की नीति वापस हो, सीएमपीडीआइ को कोल इंडिया

से अलग नहीं किया जाये, ठेका मजदूरों को हाइ पावर कमेटी की अनुशंसा

के अनुसार मजदूरी मिले, राष्ट्रीय कोयला वेतन समझौता को पूर्णतः लागू किया जाये.

Post by : Pritish Sahay

Prabhat Khabar App :

देश, एजुकेशन, मनोरंजन, बिजनेस अपडेट, धर्म, क्रिकेट, राशिफल की ताजा खबरें पढ़ें यहां. रोजाना की ब्रेकिंग हिंदी न्यूज और लाइव न्यूज कवरेज के लिए डाउनलोड करिए

Advertisement

अन्य खबरें

ऐप पर पढें