डिग्री कॉलेजों में इंटर की पढ़ाई की आस लिए विद्यार्थी हैं निराश
कॉलेज प्रबंधन ने बताया कि नहीं विश्वविद्यालय से मिला है कोई निर्देश
रंजीत कुमार, बोकारो, साल 2023 से ही मान्यता प्राप्त डिग्री कॉलेजों में इंटर की पढ़ाई को लेकर स्पष्ट निर्देश के अभाव में छात्रों में अब भी ऊहापोह कायम है. हालांकि संबद्ध डिग्री कॉलेजों में इंटर की पढ़ाई जारी रहने से बच्चों के बीच यह उलझन बनी हुई है. दरअसल राजकीय, राजकीयकृत या इंटर कॉलेजों की तुलना में आधारभूत संरचना के मामले में समृद्ध होने के कारण छात्रों का रुझान डिग्री कॉलेजों की ओर है.
बोकारो व चास के सरकारी डिग्री कॉलेजों में इंटरमीडिएट की पढ़ाई वर्ष 2023 से नामांकन नहीं लेने के कारण अभी तक बंद है. बोकारो स्टील सिटी कॉलेज व चास कॉलेज चास में इंटरमीडिएट की पढ़ाई शुरू होने को लेकर फिलहाल कोई रास्ता नजर नहीं आ रहा है. इससे जो विद्यार्थी कॉलेज में पढ़ाई के लिए आस लिए बैठे थे, जो अब निराश हो गये हैं. वहीं दोनों कॉलेजों के प्रबंधन ने स्पष्ट तौर पर कह दिया है कि विश्वविद्यालय प्रशासन की ओर से किसी तरह की कोई लिखित पत्र नहीं मिला है. कॉलेज में पर्याप्त संख्या में शिक्षक व शिक्षकेतर कर्मचारी नहीं है. ना ही विशेष इंफ्रास्ट्रक्चर है.राज्य के डिग्री कॉलेजों में वर्ष 2022 में अचानक इंटरमीडिएट की पढ़ाई बंद करने का फैसला राज्य सरकार ने सुनाया था. सरकार के इस फैसले को लेकर छात्र नेताओं व विद्यार्थियों ने काफी बवाल मचाया. इसके बाद मौखिक रूप से तत्कालीन मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन ने पुन: इंटरमीडिएट पढ़ाई शुरू करने को लेकर आदेश जारी कर दिया गया. इसके बाद भी आज तक दोनों कॉलेजों में पढ़ाई शुरू नहीं हुई. हालांकि छात्र नेताओं व विद्यार्थियों ने लगातार आंदोलन कर पढ़ाई शुरू करने की मांग की है.
इंटर में पढ़ाई के लिए छात्र नेता हैं लगातार आंदोलनरत
दोनों कॉलेजों में इंटरमीडिएट की पढ़ाई शुरू कराने को लेकर छात्र नेता सुमन कुमार व चास महाविद्यालय छात्र संघ के पूर्व सचिव सह छात्र नेता युगदेव महथा के नेतृत्व में लगातार आंदोलन चल रहा है. छात्र नेताद्वय ने कहा कि बीबीएमकेयू धनबाद तहत सभी अंगीभूत महाविद्यालय में इंटरमीडिएट की पढ़ाई बंद कर दी गयी. जबकि झारखंड में अन्य अंगीभूत डिग्री कॉलेजों में इंटरमीडिएट की पढ़ाई अभी भी चालू है. सरकार के आदेश के बावजूद भी बीबीएमकेयू प्रशासन का इंटरमीडिएट की पढ़ाई करनेवाले विद्यार्थियों के प्रति रवैया रूखा है. आर्थिक परेशानियों से जूझ रहे गरीब विद्यार्थियों का भविष्य अधर में लटका हुआ है. एचआरडी से पत्र जारी किया गया है, लेकिन पत्र का अवहेलना किया जा रहा है. जरूरत पड़ी, तो विद्यार्थियों का प्रतिनिधिमंडल रांची जाकर राज्यपाल मिलकर मामले में हस्तक्षेप करने का अनुरोध करेंगे. आंदोलन में आयुष शर्मा, रोशन चतुर्वेदी, सचिन कुमार, आर्यन कुमार, सूरज रजवार, प्रशांत द्विवेदी सहित दर्जनों विद्यार्थी लगातार लगे हुए है.कोट
इंटरमीडिएट की पढ़ाई संबंधी कोई सूचना विश्वविद्यालय प्रशासन से प्राप्त नहीं हुई है. ना ही किसी तरह का कोई निर्देश मिला है. विवि का जैसा आदेश होगा. उसी अनुसार कार्य किया जायेगा.डॉ उमा मागेश्वरी,
प्राचार्या, बोकारो स्टील सिटी कॉलेज—इंटरमीडिएट में दाखिला लेने के लिए कोई पत्र लिखित रूप में प्राप्त नहीं हुआ है. वर्ष 2023 से किसी तरह का इंटरमीडिएट में नामांकन नहीं लिया गया है. आदेश आने पर कुछ कहा जा सकेगा.डॉ बीएन महतो,
प्राचार्य, चास कॉलेज चासडिस्क्लेमर: यह प्रभात खबर समाचार पत्र की ऑटोमेटेड न्यूज फीड है. इसे प्रभात खबर डॉट कॉम की टीम ने संपादित नहीं किया है