Success Story: ललपनिया (बोकारो), नागेश्वर-गांव में पढ़ाई की अच्छी व्यवस्था नहीं थी, तो उन्होंने गांव छोड़ दिया और ननिहाल में रहकर पढ़ाई की. टाटा मोटर्स में नौकरी की. आईटीआई कॉलेज में पढ़ाया. रेलवे में नौकरी के बाद उन्होंने औद्योगिक प्रशिक्षण पदाधिकारी बनकर सफलता के झंडे गाड़ दिए. सीएम हेमंत सोरेन ने उन्हें नियुक्ति पत्र सौंपा. कामयाबी की ये कहानी मुंबई में टैक्सी ड्राइवर के बेटे सुनील कुमार यादव की है. बोकारो के इस लाल ने कमाल कर दिखाया है.
सीएम हेमंत सोरेन ने सौंपा नियुक्ति पत्र
झारखंड के बोकारो जिले के गोमिया प्रखंड की लोधी पंचायत के तिसरी गांव के रामेश्वर यादव के पुत्र सुनील कुमार यादव अपनी मेहनत, संघर्ष और लगन की बदौलत औद्योगिक प्रशिक्षण पदाधिकारी बन गए हैं. सुनील झारखंड कर्मचारी चयन आयोग (जेएसएससी) द्वारा सरकारी औद्योगिक प्रशिक्षण संस्थानों में फिटर ट्रेड के तौर पर अधिकारी बने हैं. झारखंड के मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन ने शनिवार को उन्हें नियुक्ति पत्र सौंपा.
पढ़ाई के लिए छोड़ दिया गांव, ननिहाल से किया मैट्रिक पास
सुनील कुमार यादव के पिता रामेश्वर यादव मुंबई में टैक्सी ड्राइवर हैं. उन्होंने कड़ी मेहनत कर अपने बेटे की अच्छी शिक्षा दिलायी. अपनी प्रतिभा और कड़ी मेहनत से उनके बेटे ने अपने इलाके का नाम रोशन किया है. गांव-पंचायत में सुविधाओं का घोर अभाव था. इसके बाद भी उन्होंने हिम्मत नहीं हारी. पांच साल की उम्र में ही अपने गांव तिसरी को छोड़ कर पढ़ाई के लिए अपनी ननिहाल विष्णुगढ़ चले गए. वहां से मैट्रिक पास करने के बाद हजारीबाग से आईएससी की परीक्षा पास की. इसके बाद आईटीआई किया.
रेलवे में भी की नौकरी
लातेहार से सुनील कुमार यादव ने मैकेनिकल ट्रेड में डिप्लोमा किया और बाद में टाटा मोटर्स में दस माह तक नौकरी की और अपनी पढ़ाई जारी रखी. हरियाणा से सीआईटीएस किया और उसके बाद पांच साल तक हजारीबाग के सप्तगिरी आईटीआई कॉलेज में पढ़ाया. इस दौरान वर्ष 2020 में रेलवे प्रतियोगिता परीक्षा पास कर टेक्निशियन पद पर भुसावल में सरकारी नौकरी की.
सुनील कुमार यादव को बधाई दे रहे लोग
औद्योगिक प्रशिक्षण पदाधिकारी बनकर सुनील कुमार यादव ने झुमरा पहाड़ इलाके का नाम रोशन किया है और युवाओं के प्रेरणास्रोत बन गए हैं. लोधी पंचायत के सामाजिक कार्यकर्ता मनोज महतो ने बधाई दी और उनके उज्ज्वल भविष्य की कामना की. उन्होंने कहा कि सुनील कुमार यादव ने औद्योगिक प्रशिक्षण पदाधिकारी बनकर लोधी पंचायत का नाम रोशन किया है. झुमरा पहाड़ इलाके में शिक्षा सुविधाओं का अभाव है. इसके बाद भी उन्होंने कामयाबी हासिल की है.