कोरोना काल में भी जल्दबाजी क्यों ? सुप्रीम कोर्ट ने झारखंड के बैद्यनाथ मंदिर वाली याचिका पर पूछा
सुप्रीम कोर्ट के चीफ जस्टिस की अध्यक्षता वाली बेंच ने कहा कि कोरोना से पूरी दुनिया जूझ रही है. ऐसे हालात में इस मामले में जल्द सुनवाई को लेकर क्या जल्दबाजी है. आखिर इस याचिका को इन हालातों में क्यों प्राथमिकता दी जानी चाहिए.
Jharkhand News, रांची न्यूज : सुप्रीम कोर्ट ने झारखंड के विश्व विख्यात देवघर के बाबा बैद्यनाथ धाम मंदिर और दुमका के बाबा बासुकीनाथ मंदिर को खोले जाने वाली याचिका पर जल्द सुनवाई से इनकार कर दिया है. सुप्रीम कोर्ट के चीफ जस्टिस एनवी रमन्ना की अध्यक्षता वाली बेंच ने कहा कि कोरोना से पूरी दुनिया जूझ रही है. ऐसे हालात में जल्द सुनवाई को लेकर क्या जल्दबाजी है. आपको बता दें कि बाबा बैद्यनाथ मंदिर के पुजारियों के समूह पंडा धर्मरक्षिणी सभा ने सुप्रीम कोर्ट में याचिका दाखिल कर इस मामले में जल्द सुनवाई का आग्रह किया था.
सुप्रीम कोर्ट के चीफ जस्टिस एनवी रमन्ना की अध्यक्षता वाली बेंच ने कहा कि कोरोना से पूरी दुनिया जूझ रही है. ऐसे हालात में इस मामले में जल्द सुनवाई को लेकर क्या जल्दबाजी है. आखिर इस याचिका को इन हालातों में क्यों प्राथमिकता दी जानी चाहिए. इस दौरान याचिकाकर्ता के वकील ने अदालत के समक्ष कहा कि कोरोना के मामले झारखंड में काफी कम हैं. ऐसे में इस याचिका पर जल्द सुनवाई की जाए. इसके बाद इस याचिका पर जल्द सुनवाई से सुप्रीम कोर्ट ने इनकार कर दिया.
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आपको बता दें कि कोरोना के बढ़ते संक्रमण के कारण देवघर के बाबा बैद्यनाथ मंदिर समेत अन्य मंदिरों में बाहरी श्रद्धालुओं के प्रवेश पर रोक लगा दी गयी है. सिर्फ पुजारियों को पूजा करने की अनुमति दी गयी है. श्रावणी मेला भी रद्द कर दिया गया था. इस दौरान घर बैठे श्रद्धालुओं के दर्शन को लेकर बाबा बैद्यनाथ के ऑनलाइन दर्शन की व्यवस्था की गयी थी, ताकि कोरोना संक्रमण पर रोक लग सके. झारखंड की हेमंत सोरेन सरकार ने कोरोना के बढ़ते संक्रमण को देखते हुए सभी धार्मिक स्थलों को खोले जाने पर प्रतिबंध लगा दिया है, ताकि कोरोना की रफ्तार कम हो सके और लोग कोरोना संक्रमण का शिकार नहीं हों.
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Posted By : Guru Swarup Mishra