फुसरो. सीसीएल बीएंडके एरिया से संबंधित विस्थापितों की 21 सूत्री मांगों को लेकर प्रबंधन के साथ एजेंडा वार्ता वार्ता सोमवार को करगली ऑफिसर्स क्लब में हुई. सभी मुद्दों पर एक-एक कर चर्चा की गयी. जीएम के रामाकृष्णा ने कहा कि विस्थापितों को सुविधाएं सहित जमीन का मुआवजा, रोजगार उपलब्ध कराना प्रबंधन की प्राथमिकता है. उनकी मांगों पर प्रबंधन की ओर से पहल की जायेगी. स्थानीय मांगों पर एक सप्ताह के अंदर पहल होगी. क्षेत्रीय स्तर की मांगों पर मुख्यालय प्रबंधन को अवगत कराते हुए निदान कराया जायेगा. कहा कि कारो में ग्रामसभा का आयोजन किया जायेगा. इसे लेकर बोकारो डीसी से मिलकर समय लिया जायेगा.विस्थापितों का नेतृत्व कर रहे एचएमकेयू महासचिव इंद्रदेव महतो ने कहा कि प्रबंधन विस्थापितों को भी साथ लेकर चले, अन्यथा विस्थापित एकजुट होकर परियोजना का उत्पादन रोक देंगे. प्रबंधन हर बार बैठक में विस्थापितों को उनका अधिकार देने का भरोसा देता है, परंतु पहल नहीं की जाती है. प्रबंधन अपने रवैया में सुधार लाये. मौके पर जीएम माइनिंग केडी प्रसाद, एसओइएंडएम गौतम महंती, एसओसी सतीश सिन्हा, पीओ शंभु झा, सुरक्षा अधिकारी कुमार सौरभ, रेवेन्यू के विनय ठाकुर, कर्मिक प्रबंधन पीएन सिंह, मनीष महेश्वरी, रमेश कुमार, विनय अचल सहित चेतलाल महतो, वतन महतो, सोहनलाल मांझी, विश्वनाथ रजवार, विजय साव आदि विस्थापित मौजूद थे.
क्या हैं मुख्य मांगें :
डीएमएफटी मद से विस्थापित गांव में विकास कराया जाये, सरना देवस्थान को व्यवस्थित कराया जाये, को-ऑपरेटिव सोसाइटी के माध्यम से विस्थापितों को रोजगार दे, आउटसोर्सिंग कंपनी में स्थानीय लोगों को नियोजन दिलाया जाये, विस्थापितों को लंबित नियोजन व मुआवजा मिले, बैदकारो में तालाब व सामुदायिक भवन का निर्माण कराया जाये, विस्थापितों के नाम से आवंटित क्वार्टर को अवैध कब्जा से खाली कराया जाये या रद्द किया जाये.डिस्क्लेमर: यह प्रभात खबर समाचार पत्र की ऑटोमेटेड न्यूज फीड है. इसे प्रभात खबर डॉट कॉम की टीम ने संपादित नहीं किया है