सीपी सिंह, बोकारो, मोदी सरकार ने देश के सभी गांवों में हर घर तक साफ और सुरक्षित पानी पहुंचाने की संकल्पना के साथ 15 अगस्त 2019 को जल जीवन मिशन की शुरुआत की थी. योजना के तहत ग्रामीण इलाकों में नल के जरिये स्वच्छ जल पहुंचाना था. 2024 तक योजना को पूरा करना है. योजना के तहत बोकारो जिला के 316255 घर तक नल से जल पहुंचाना है. योजना के शुरू हुए लगभग पांच साल हो गये है, लेकिन अबतक (18 जून 2024 तक) सिर्फ 49.53 प्रतिशत चिन्हित घर में ही योजना पहुंची है. यानी 156624 घर में योजना के तहत कनेक्शन मिला है. यह स्थिति तब है जब बोकारो जिला में योजना के शुरुआत के समय ही 21148 घर नल से जल पहुंच रहा था.
बोकारो जिला में हर घर को योजना से जोड़ने की कार्य गति बढ़ने के बजाय कम हो रहा है. 2022 में योजना की कार्यगति व हर घर नल से जल पहुंचाने के मामला में बोकारो जिला राज्य में तीसरे स्थान पर था. लेकिन, वर्तमान में बोकारो 15वें स्थान पर आ गया. यानी, अन्य जिला जहां योजना को लेकर तेजी बना रहे हैं, वहां बोकारो पिछड़ रहा है. अब दिसंबर 2024 यानी छह माह के वक्त में 159567 घरों में नल से जल पहुंचाने की चुनौती है. जिला के 60 गांव ने संपूर्ण रूप से इस योजना में अवच्छादित होने का दावा किया है. इनमें से 51 गांव को सर्टिफाइड कर दिया गया है. सर्टिफाइड अवच्छादित गांव में कुल 32765 घर में नल से जल पहुंच रहा है. वहीं पंचायत की बात की जाये तो 244 पंचायत में से 24 ने शत-प्रतिशत अच्छादन के संबंध में रिपोर्ट किया है, इसमें से 23 को सर्टिफाइड कर दिया गया है.साल दर साल कम होती गयी रफ्तार
योजना की शुरुआत से साल दर साल काम होने की रफ्तार कम होते गयी. कम से कम आंकड़ा तो यही साबित कर रहा है. घोषणा के बाद वित्तीय वर्ष 2019-20 में 2862 घर को जोड़ा गया, इसके बाद वर्ष 2020-21 में 44495 घर को जोड़ा गया. वित्तीय वर्ष 2021-22 में 39980 घर को योजना का लाभ मिलना शुरू हुआ. इसी तरह 2022-23 में 26736 घर को योजना से जोड़ा गया. वित्तीय वर्ष 2023-24 में में 20345 घर को योजना के तहत लाभ मिला. वहीं चालू वित्तीय वर्ष यानी 2024-25 में मात्र 1058 घर को कनेक्शन दिया गया है.19 गांव योजना में नहीं है शामिल
प्रधानमंत्री की ओर से घोषित इस योजना में बोकारो संभवत देश का एक मात्र जिला होगा, जहां के 19 गांव को योजना में शामिल नहीं किया गया है. बोकारो के 19 अविस्थापित व अपुनर्वासित गांव को योजना में शामिल नहीं है. इन गांव में त्रिस्तरीय व्यवस्था लागू होने के कारण इन्हें राजस्व गांव का दर्जा प्राप्त नहीं है. लेकिन, इन गांव में लोग पीढ़ी-दर-पीढ़ी निवास करते आ रहे हैं. इन गांव में 50 हजार से अधिक की आबादी रहती है.
क्या है योजना
जल जीवन मिशन के तहत हर घर जल योजना का उद्देश्य ग्रामीण भारत के सभी घरों में 2024 तक व्यक्तिगत घरेलू नल कनेक्शन के माध्यम से सुरक्षित व पर्याप्त पेयजल उपलब्ध कराना है. कार्यक्रम के अंतर्गत अनिवार्य तत्वों के रूप में स्रोत स्थिरता उपायों जैसे कि भूजल प्रबंधन, जल संरक्षण, वर्षा जल संचयन के माध्यम से पुनर्भरण व पुन: उपयोग को भी लागू किया जायेगा. जल जीवन मिशन विकेंद्रीकृत, मांग-संचालित व सामुदायिक प्रबंधित कार्यक्रम है. योजना के तहत ग्राम पंचायत या इसकी उप-समिति यानी ग्राम जल और स्वच्छता समिति द्वारा पेयजल स्रोतों को मजबूत करने, पाइप जलापूर्ति व ग्रे वाटर प्रबंधन सहित गांव में जलापूर्ति प्रणाली की योजना, प्रबंधन, संचालन व रखरखाव किया जाना है. जिसमें 50% महिलाओं के साथ 10 – 15 सदस्य हों और गांव के कमजोर वर्गों का समानुपातिक प्रतिनिधित्व हो.होंगे कई फायदे
योजना से हर घर को समुचित पेयजल पाइपलाइन से मिलेगा. साथ ही जल प्रबंधन भी होगा. पारंपरिक रूप से जल का उपयोग करने से पानी की बर्बादी होती है. कम इस्तेमाल होने के बाद भी लोग ज्यादा पानी का दोहन करते हैं. बोरिंग व चापाकल का अत्याधिक इस्तेमाल से भूमिगत जल का संरक्षण भी नहीं हो पाता. ऐसे में इस योजना के सही रूप में लागू हो जाने से कई समस्या का एक साथ निदान हो सकेगा. इस योजना से उन गांव तक भी पेयजल पहुंचाना है, जहां जल का कोई स्त्रोत नहीं है. ऊंचे पहाड़ से लेकर घाटी में रहने वाले लोगों को भी पानी मिलेगा.डिस्क्लेमर: यह प्रभात खबर समाचार पत्र की ऑटोमेटेड न्यूज फीड है. इसे प्रभात खबर डॉट कॉम की टीम ने संपादित नहीं किया है