Teachers’ Day 2021 : रिटायर होने के बाद भी स्कूल में नि:शुल्क शिक्षा दे रहीं पूर्व प्रधानाध्यापिका सत्या दूबे
सत्या दूबे एक आदर्श शिक्षिका ही नहीं, बल्कि एक अच्छी समाजसेवी भी हैं. इन्होंने सेवानिवृत्ति के पूर्व से ही गरीब छात्र व छात्राओं की सुध लेती रहती थीं और आर्थिक तंगी झेल रहे जरूरतमंद बच्चों को अपनी राशि से उनकी हर तरह से सहायता करती रहती थीं.
Teachers’ Day 2021, गढ़वा न्यूज (मनोज कुमार दूबे) : झारखंड के गढ़वा जिले की मझिआंव नगर पंचायत के चंद्री गांव निवासी कन्या मध्य विद्यालय की पूर्व प्रधानाध्यापिका सत्येश्वरी देवी उर्फ सत्या दूबे 31 अगस्त 2017 को सेवानिवृत होने के बाद से ही राधाकृष्ण बालिका उच्च विद्यालय में छात्राओं को निःशुल्क शिक्षा दे रही हैं. कोरोना के प्रकोप के बाद भी इन्होंने अपने प्रयास से छात्राओं के बेहतर भविष्य को संवारने का प्रयास जारी रखा.
सत्या दूबे एक आदर्श शिक्षिका ही नहीं, बल्कि एक अच्छी समाजसेवी भी हैं. इन्होंने सेवानिवृत्ति के पूर्व से ही गरीब छात्र व छात्राओं की सुध लेती रहती थीं और आर्थिक तंगी झेल रहे जरूरतमंद बच्चों को अपनी राशि से उनकी हर तरह से सहायता करती रहती थीं. यही नहीं मध्याह्न भोजन में सरकारी योजना से अलग हटकर बच्चों को स्वादिष्ट भोजन कराती थीं और खाने के बाद फल देती थीं. उनके इसी सेवाभाव के कारण आज भी इनके द्वारा पढ़ाए हुए छात्र उनका काफी सम्मान करते हैं.
सत्या दुबे बताती हैं कि इनके प्रथम गुरु उनके पिता स्व रामनरेश तिवारी शिक्षक थे एवं माता स्व बालेश्वरी देवी कन्या मध्य विद्यालय में प्रधान शिक्षिका थीं. वे दोनों ही गरीबों की सेवा में आगे रहते थे. माता-पिता की सेवा भावना का इनके मन पर गहरा प्रभाव पड़ा और सत्या दूबे ने जीवन पर्यन्त जरूरत मंद लोगों की सेवा करने का संकल्प लिया. सत्या दूबे ने इसी कन्या मध्य विद्यालय से प्राथमिक शिक्षा ग्रहण की थीं और एम ए तक की उच्च शिक्षा के बाद इसी विद्यालय में सेवानिवृत्ति तक शिक्षण कार्य किया और अभी भी शिक्षण कार्य के अलावा जरूरत मंद लोगों की सेवा कर रही हैं.
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