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Teachers’ Day 2021 : झारखंड की संस्कृत शिक्षिका मोयलेन को किन उपलब्धियों के लिए हेमंत सरकार करेगी सम्मानित

मां राहिल आइंद (सेवानिवृत्त शिक्षिका) से शिक्षिका बनने की प्रेरणा मिली. शिक्षिका बनने की इतनी इच्छा थी कि उन्होंने किसी और नौकरी के लिए प्रयास भी नहीं किया. उन्होंने कहा कि मां कहती हैं कि अन्य नौकरी में पैसे ज्यादा हैं लेकिन शिक्षकों को जो सम्मान मिलता है वह किसी और पेशे में नहीं मिलता है.

By Prabhat Khabar Digital Desk | September 4, 2021 6:32 PM
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Teachers’ Day 2021, खूंटी न्यूज (चंदन कुमार) : झारखंड के खूंटी जिले के मुरहू स्थित लक्ष्मी नारायण हाईस्कूल की संस्कृत शिक्षिका मोयलेन जीदन बहा आइंद को शिक्षक दिवस के अवसर पर सरकार द्वारा राज्य स्तर पर सम्मानित किया जायेगा. पूरे राज्य से चयनित छह शिक्षकों में उनका भी नाम है. सम्मान के लिए चयनित होने पर उन्होंने खुशी जाहिर करते हुये कहा कि वे सिर्फ अपना कर्म करती जाती हैं, फल की चिंता नहीं करती हैं. इतना बड़ा सम्मान मिलने वाला है. यकीन ही नहीं हो रहा है.

मोयलेन जीदन बहा आइंद लक्ष्मी नारायण हाईस्कूल में बतौर संस्कृत शिक्षिका के रूप में 2010 में नियुक्त हुई थीं. उनकी प्रारंभिक शिक्षा उर्सुलाइन कॉन्वेंट स्कूल खूंटी से हुई. तोरपा के संत जोसेफ कॉलेज से इंटर पूरी कीं और गोस्नर कॉलेज से संस्कृत में आगे की पढ़ाई कीं. उन्होंने बताया कि पिता बसंत कुमार आइंद (बिरसा कॉलेज से सेवानिवृत कर्मी) और फादर हिलारियुस बारला के कहने पर उन्होंने संस्कृत को चुना था.

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मां राहिल आइंद (सेवानिवृत्त शिक्षिका) से शिक्षिका बनने की प्रेरणा मिली. शिक्षिका बनने की इतनी इच्छा थी कि उन्होंने किसी और नौकरी के लिए प्रयास भी नहीं किया. उन्होंने कहा कि मां कहती हैं कि अन्य नौकरी में पैसे ज्यादा हैं लेकिन शिक्षकों को जो सम्मान मिलता है वह किसी और पेशे में नहीं मिलता है. मोयलेन जीदन बहा आइंद के पति नामजन जोजो रेलवे में कार्यरत हैं. मोयलेन खूंटी की तोरपा रोड निवासी हैं.

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लक्ष्मी नारायण हाईस्कूल की प्राचार्या हेलिना तोपनो ने बताया कि मोयलेन स्कूल के लिए पूरी तरह से समर्पित शिक्षिका हैं. स्कूल के सभी कामों में अपना पूरा योगदान देती हैं. विद्यार्थी, अभिभावक और अन्य शिक्षकों के साथ काफी व्यवहार कुशल हैं. उनके पांच सालों के कार्यकाल का भी मूल्यांकन किया गया है. जिसके तहत वर्ष 2017 में संस्कृत विषय में 88.88 प्रतिशत विद्यार्थी उत्तीर्ण हुये थे. इसके बाद से लगातार रिजल्ट शत प्रतिशत रहा.

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Posted By : Guru Swarup Mishra

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