Teacher’s day 2022: आज (5 सितंबर) शिक्षक दिवस है. बेहतर प्रदर्शन करने वाले शिक्षकों को देशभर में सम्मानित किया जा रहा है. शिक्षकों को उनकी उपलब्धियों के लिए याद किया जा रहा है. झारखंड के बोकारो जिले के ऊपरघाट की बरई पंचायत के जुरामना निवासी 45 वर्षीय नारायण महतो ने अपनी दिव्यांगता को चुनौती दी और बच्चों को पढ़ा रहे हैं. सड़क हादसे में इन्होंने पैस गंवा दिया, लेकिन हौसला नहीं खोया.
कई बच्चों को देते हैं नि:शुल्क शिक्षा
बोकारो जिले के ऊपरघाट की बरई पंचायत के जुरामना निवासी 45 वर्षीय नारायण महतो अपनी दिव्यांगता को चुनौती देते हुए शिक्षा का अलख जगा रहे हैं. मात्र सातवीं तक की पढ़ाई करने वाले श्री महतो गांव में एक स्कूल चलाते थे. लॉकडाउन के समय स्कूल बंद हुआ तो गांव-गांव जाकर बच्चों को पढ़ाना शुरू किया. कई बच्चों को नि:शुल्क शिक्षा भी देते हैं.
सड़क हादसे में गंवाया पैर
नारायण महतो को वर्ष 1993 में एक सड़क हादसे में पैर में गंभीर चोट लगी थी. डॉक्टरों ने उनके एक पैर को काट दिया. इसके बाद पांच साल तक असहाय रहे. बाद में कुछ साथियों की मदद से कैलिपर लगा और बच्चों को पढ़ाने की बात सोची. कुछ समय वह ऊपरघाट से सटे ग्रामीण इलाका परसाबेड़ा में रहने लगे और बच्चों को पढ़ाने के लिए कई ग्रामीणों से बात की. इसके बाद कई बच्चे उनसे ट्यूशन पढ़ने उनके घर आने लगे.
150 बच्चों को पढ़ा रहे नारायण महतो
दिव्यांगता पेंशन की राशि से नारायण महतो ने डेस्क और बेंच की खरीदारी की और बच्चों को पढ़ाने लगे. अभी वह परसाबेड़ा, गीदरपटका, अदलबेड़ा, असनाटांड़, बड़काडीह गांव के 150 बच्चों को ट्यूशन पढ़ा रहे हैं.
Posted By : Guru Swarup Mishra