सांप से खेलने में माहिर सपेरे टेकलाल को मनसा पूजा में गेहुंअन सांप ने डंसा, हो गयी मौत
झारखंड में सांपों की देवी मां मनसा की पूजा के मौके पर सांप का खेल दिखाने के दौरान टेकलाल डोम (50) नामक सपेरे की सांप के डंसने से मौत हो गयी. घटना कसमार थाना क्षेत्र के बगदा गांव की है. टेकलाल के मोहल्ला में मां मनसा की पूजा हो रही थी. इस अवसर पर मंदिर परिसर में रात करीब 11 बजे जात (मनसा पूजा के अवसर पर गाया जाने वाला गीत) गाने के दौरान टेकलाल डोम अपनी पिटारी से गेहुंअन सांप निकालकर उसका खेल दिखा रहे थे.
कसमार (दीपक कुमार) : झारखंड में सांपों की देवी मां मनसा की पूजा के मौके पर सांप का खेल दिखाने के दौरान टेकलाल डोम (50) नामक सपेरे की सांप के डंसने से मौत हो गयी. घटना कसमार थाना क्षेत्र के बगदा गांव की है. टेकलाल के मोहल्ला में मां मनसा की पूजा हो रही थी. इस अवसर पर मंदिर परिसर में रात करीब 11 बजे जात (मनसा पूजा के अवसर पर गाया जाने वाला गीत) गाने के दौरान टेकलाल डोम अपनी पिटारी से गेहुंअन सांप निकालकर उसका खेल दिखा रहे थे.
इसी दौरान सांप ने उनकी हथेली पर तीन-चार जगहों पर डंस लिया. उन्हें तुरंत सामुदायिक अस्पताल, कसमार ले जाया गया. गंभीर स्थिति को देखते हुए चिकित्सकों ने यहां से सदर अस्पताल, बोकारो रेफर कर दिया. आधे रास्ते में ही परिजनों ने मृत समझ कर उन्हें वापस लेकर घर लौट आये.
बताया जाता है कि सुबह अंतिम संस्कार की तैयारी के दौरान उनकी धड़कन चलने की बात सामने आयी. इसके बाद पुनः आनन-फानन में सदर अस्पताल, बोकारो ले जाया गया, जहां चिकित्सकों ने मृत घोषित कर दिया. पोस्टमार्टम के बाद शाम को शव को गांव लाया गया. मोहल्ले में पूजा का उमंग गम में बदल गया. इनके पिता स्वर्गीय चैता डोम भी क्षेत्र के मशहूर सपेरा थे.
Also Read: डायन कहकर गिरिडीह में महिला की मॉब लिंचिंग, पीट-पीटकर महिला को मार डाला, कोई बचाने नहीं आया मनसा पूजा में सांप का खेल दिखा रहे थे टेकलाल.आकाशवाणी के उम्दा कलाकार थे टेकलालटेकलाल डोम कभी आकशवाणी के उम्दा कलाकार हुआ करते थे. ढोलक बजाने की कला में निपुण थे. क्षेत्र के अन्य कलाकारों की टीम के साथ आकाशवाणी पर दर्जनों प्रस्तुति दी थी. इनके कार्यक्रमों का रेडियो पर लोग बेसब्री से इंतजार करते थे. पर, परिवार के भरण-पोषण के लिए इन्हें भी अपने पिता की तरह सांप का खेल करना पड़ रहा था. इनका एक पुत्र व पोते-पोती हैं. सांपों के खेल से इनके परिवार का गुजर बसर होता था.
Also Read: एनटीपीसी के लिए भूमि अधिग्रहण मामले में योगेंद्र साव की याचिका पर झारखंड सरकार से हाइकोर्ट ने मांगा जवाब दूसरों के घरों का सांप निकालने में थे माहिरटेकलाल डोम किसी को सांप काटने पर उसका जहर भी निकालना जानते थे. क्षेत्र के अनेक लोगों की जान वह बचा चुके थे. दूसरों के घरों में सांप घुसने पर निकालने के लिए भी इन्हें ही बुलाया जाता था. पर उनकी मौत खुद सांप के काटने से हो गयी.
Posted By : Mithilesh Jha