फुसरो. बेरमो कोयलांचल में बुधवार को तापमान 45 डिग्री पर पहुंच गया. भीषण गर्मी से लोग परेशान रहे. दिन 11 बजे के बाद से शाम चार बजे तक सड़कों और बाजारों में सन्नाटा पसरा रहा. लोग घरों में ही दुबके रहे. कुछ लोग जरूरी काम से निकले भी तो एहतियात के साथ. ऐसे अधिकतर लोग तीखी धूप और गरम हवा से बचने के लिए चेहरा ढंके हुए थे. बाजारों में गन्ना व अन्य पेय पदार्थों की दुकानों में भीड़ दिखी. ग्रामीण क्षेत्रों में भी चौक-चौराहों में लोग नहीं दिख रहे थे.
भीषण गर्मी से बीमार हो रहे लोग
भीषण गर्मी के कारण लोग बीमार भी हो रहे हैं. अस्पतालों में ऐसे मरीजों की संख्या बढ़ रही है. इसमें अधिकतर को बुखार, उल्टी, दस्त की शिकायत है. सीसीएल के केंद्रीय अस्पताल ढोरी और रीजनल अस्पताल करगली में भी कई ऐसे मरीज भर्ती हैं. केंद्रीय अस्पताल ढोरी डॉ आरएन झा और नीतीश कुमार ने कहा कि गर्मी के मौसम में खान-पान पर विशेष ध्यान देना चाहिए. अधिक तेल-मसाला वाला खाना नहीं खाये. कॉपी, चाय और शराब से परहेज करें़ तेज धूप में बाहर नहीं निकले. अधिक से अधिक पानी पीये. उल्टी-दस्त की शिकायत होने पर डॉक्टर की सलाह लेकर ही दवा खाये.जहां पेड़-पौधे ज्यादा, वहां दो डिग्री कम रहा तापमान
राकेश वर्मा, बेरमो : एक ओर बेरमो में बुधवार को पारा 45 डिग्री सेल्सियस पार हो गया, वहीं बेरमो से सटे नावाडीह प्रखंड अंतर्गत कंजकीरो पंचायत के बुढ़ीटांड़ गांव में दोपहर डेढ़ बजे तापमान 42 डिग्री सेल्सियस था. यह बताता है कि जहां पेड़-पौधे हैं, हरियाली है, वहां शहरों की तुलना में तापमान में दो से चार डिग्री कम रहता है. मालूम हो कि बुढ़ीटांड़ गांव के आसपास ग्राम वन प्रबंधन एवं संरक्षण समिति की ओर से डेढ़-दो हजार पेड़-पौधे लगाये गये हैं. इसमें आम, जामुन, बेल, काशी, चौकडी आदि हैं. समिति से जुड़े खिरोधर महतो का कहना है कि घटते जंगल के कारण पर्यावरण पर प्रतिकूल असर पड़ रहा है और तापमान बढ़ रहा है. बेरमो में कई बंद खदानों में लगी आग भूमिगत आग भी क्षेत्र का तापमान बढ़ा रही है. इसके अलावा कोयला खनन से पूर्व ओबी निस्तारण के दौरान निकले बड़े-बड़े बोल्डर व पत्थर भी तापमान को बढ़ाते हैं. क्योंकि खुले में फेंके गये ये बोल्डर और पत्थर धूप में बहुत गर्म हो जाते हैं.
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