Jharkhand News: टीटीपीएस से बिजली का बंपर उत्पादन, अफसरों-कर्मियों को लगातार दूसरे महीने इंसेंटिव
Jharkhand News: खास बात यह है कि अफसरों-कर्मियों को करीब सवा दो साल बाद बीते फरवरी माह में और फिर लगातार दूसरे महीने मार्च माह में इंसेंटिव नसीब हुआ है. बेहतर उत्पादन से प्रबंधन में खुशी है और इससे भी बेहतर उत्पादन की ओर मेहनत के लिये प्रबंधन कृतसंकल्पित है.
Jharkhand News: झारखंड सरकार का महत्वपूर्ण लोक उपक्रम ललपनिया स्थित तेनुघाट थर्मल पावर स्टेशन से बीते मार्च माह में बंपर उत्पादन दर्ज किया गया है. प्लांट की दोनों यूनिट से कुल 230.43 मिलियन यूनिट बिजली का उत्पादन हुआ है. जिसका प्लांट लोड फैक्टर(पीएलएफ) प्रतिशत 73.74 दर्ज किया गया है. इस आंकड़े के आधार पर टीटीपीएस के अधिकारियों और कर्मचारियों को इंसेंटिव प्राप्त हुआ है जो 15 प्रतिशत है. खास बात यह है कि अफसरों-कर्मियों को करीब सवा दो साल बाद बीते फरवरी माह में और फिर लगातार दूसरे महीने मार्च माह में इंसेंटिव नसीब हुआ है. बेहतर उत्पादन से प्रबंधन में खुशी है और इससे भी बेहतर उत्पादन की ओर मेहनत के लिये प्रबंधन कृतसंकल्पित है.
बेहतर उत्पादन से प्रबंधन गदगद
जानकारी के मुताबिक, यूनिट एक से मार्च माह में अधिकतम 196 मेगावाट तथा यूनिट दो से 186 मेगावाट के लोड पर उत्पादन दर्ज किया गया है. दरअसल, टीटीपीएस के बहुप्रतीक्षित विस्तारीकरण से लेकर वर्तमान यूनिटों के उत्थान सहित कई मायनों में यह आंकड़ा बेहद महत्वपूर्ण है. मार्च माह के उत्पादन से प्रबंधन गदगद है और अधिकारियों व कर्मियों का मनोबल भी हाई है.
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सबसे कम तेल खपत का रिकॉर्ड
टीटीपीएस से वित्तीय वर्ष 2021-22 में सबसे कम तेल खपत कर रिकॉर्ड कायम किया है. जो 1996 में यूनिट चालू होने से अबतक यानी 26 वर्षों में सबसे कम है. रेगुलेटरी कमीशन द्वारा निर्धारित 1 एमएल/यूनिट के मुकाबले बीते वित्तीय वर्ष टीटीपीएस ने महज .8 एमएल/यूनिट तेल खपत किया है. जो एक सुखद पहलू रहा. बीते वित्तीय वर्ष छाई का उपयोग भी शत-प्रतिशत दर्ज किया गया है. यानी बिजली उत्पादन के बाद छाई डैम में जितनी छाई का उत्सर्जन हुआ, उतना का उठाव किया गया है. यह भी एक रिकॉर्ड है.
उत्पादन में और बढ़ोत्तरी हो
टीवीएनएल के एमडी अनिल कुमार शर्मा ने बताया कि फरवरी के बाद मार्च में भी बेहतर उत्पादन के दम पर इंसेंटिव प्राप्त होना परियोजना के विकास की बाबत अच्छे संकेत हैं. टीम वर्क से हम बेहतर उत्पादन का सिलसिला जारी रखेंगे. बशर्ते, कोयले की आपूर्ति सुचारू रहे. इससे उत्पादन में और बढ़ोत्तरी होगी. पिछले 26 वर्षों के मुकाबले तेल की खपत भी सबसे कम हुई है. हमने वित्तीय वर्ष 2021-22 में ऐश यूटिलाइजेशन भी शत-प्रतिशत किया है.
रिपोर्ट: रामदुलार पंडा