राकेश वर्मा, बेरमो : बेरमो विधानसभा सीट पर वर्ष 1980 से हुए दस बार के चुनाव (एक उप चुनाव) में भाजपा को तीन बार जीत मिली है. वर्ष 1980, 2005 तथा 2014 के चुनाव में भाजपा प्रत्याशी जीते. वर्ष 1980 में भाजपा को 23 हजार तो वर्ष 2019 के चुनाव में 80 हजार से ज्यादा वोट प्राप्त हुआ था. वर्ष 1980 में भाजपा ने पहली दफा बेरमो के चर्चित समाजवादी व मजदूर नेता रामदास सिंह को प्रत्याशी बनाया था. वह 1977 में जनता पार्टी के टिकट पर गिरिडीह के सांसद बन चुके थे. 1980 के विस चुनाव में उन्होंने कांग्रेस प्रत्याशी कुंवर प्रसाद सिंह (केपी सिंह) को 5986 मतों के अंतर से पराजित किया था. तीसरे स्थान पर झामुमो के आरआर टोप्पो रहे थे, जिन्हें 11677 वोट मिले थे. वर्ष 1985 के चुनाव में भाजपा ने पुनः रामदास सिंह को प्रत्याशी बनाया, इस चुनाव में कांग्रेस के राजेंद्र प्रसाद सिंह जीते. उन्हें 30029 मत मिले थे. दूसरे स्थान पर रहे सीपीआइ प्रत्याशी शफीक खान को 20333 तथा तीसरे स्थान पर रहे भाजपा प्रत्याशी रामदास सिंह को 10600 वोट मिले.
1990 के चुनाव में भाजपा ने प्रत्याशी बदला तथा रामदास सिंह के भतीजे मजदूर नेता मधुसूदन प्रसाद सिंह को टिकट दिया. लेकिन इस बार भी भाजपा तीसरे स्थान पर रही. कांग्रेस प्रत्याशी राजेंद्र प्रसाद सिंह 37018 वोट लाकर दूसरी बार जीते. दूसरे स्थान पर सीपीआई के शफीक खान रहे, जिन्हें 31721 मत मिले. मधुसूदन प्रसाद सिंह को 15858 मत मिले. वर्ष 1995 के चुनाव में भाजपा ने फिर प्रत्याशी बदला तथा डॉ प्रह्लाद वर्णवाल को टिकट दिया. इस चुनाव में तीसरी बार कांग्रेस के राजेंद्र प्रसाद सिंह ने जीत दर्ज की, उन्हें 40361 वोट मिले. 39550 मत लाकर सीपीआइ के शफीक खान दूसरे स्थान पर रहे. तीसरे स्थान पर जेएमएम के लालू सोरेन रहे, जिन्हें 16390 मत मिले. भाजपा के डॉ प्रह्लाद वर्णवाल 15580 मत लाकर चौथे स्थान पर रहे थे.1996 के लोकसभा चुनाव के दौरान गिरिडीह में पूर्व प्रधानमंत्री अटल बिहारी बाजपेयी की चुनावी सभा में बेरमो के कांग्रेस व इंटक नेता रामाधार सिंह उर्फ मालिक बाबू ने भाजपा का दामन थामा था. इसके बाद 2000 में हुए विधानसभा चुनाव में बेरमो सीट से भाजपा ने रामाधार सिंह को प्रत्याशी बनाया. हालांकि इस चुनाव में बेरमो के ही विजय नारायण सिंह का भाजपा से टिकट फाइनल हो गया था, लेकिन अंतिम समय में उनका टिकट काट कर रामाधार सिंह को दिया गया था. इस चुनाव में चौथी बार कांग्रेस के राजेंद्र प्रसाद सिंह ने जीत दर्ज की. उन्हें 46483 वोट मिले. दूसरे स्थान पर रहे भाजपा प्रत्याशी रामाधार सिंह को 27494 और तीसरे स्थान पर रहे सीपीआई के शफीक खान को 16788 वोट मिले.
लगातार हार रही भाजपा ने वर्ष 2005 में अचानक बोकारो में झामुमो की राजनीति में सक्रिय रहे योगेश्वर महतो बाटुल को भाजपा में आने के बाद बेरमो से पार्टी प्रत्याशी बना दिया. इस चुनाव में वह 47569 मत लाकर जीत गये. दूसरे स्थान पर रहे कांग्रेस के राजेंद्र प्रसाद सिंह को 36108 तथा तीसरे स्थान पर रहे सीपीआइ के प्रत्याशी आफताब आलम खान (स्व शफीक खान के पुत्र) को 29116 मत प्राप्त हुए. इसके बाद 2009 के चुनाव में कांग्रेस के राजेंद्र प्रसाद सिंह ने 47744 मत लाकर जीत दर्ज की. दूसरे स्थान पर रहे भाजपा प्रत्याशी योगेश्वर महतो बाटुल को 41133 तथा तीसरे स्थान पर रहे सीपीआइ प्रत्याशी आफताब आलम खान को 20549 मत मिले. 2014 के चुनाव में भाजपा के योगेश्वर महतो बाटुल ने 80489 मत लाकर दूसरी बार जीत दर्ज की. कांग्रेस के राजेंद्र प्रसाद सिंह 67876 मत लाकर दूसरे स्थान पर तथा सीपीआइई के आफताब आलम तीसरे स्थान पर रहे. 2019 के चुनाव में कांग्रेस के राजेंद्र प्रसाद सिंह ने 88945 वोट लाकर छठी बार जीत दर्ज की. भाजपा के योगेश्वर महतो बाटुल 63773 मत लाकर दूसरे स्थान पर तथा आजसू के काशीनाथ सिंह 16546 वोट लाकर तीसरे स्थान पर रहे. राजेंद्र सिंह के निधन के बाद उनके पुत्र कुमार जयमंगल सिंह ने भाजपा के योगेश्वर महतो बाटुल का पराजित किया.तीन बार जनसंघ प्रत्याशी भी आजमा चुके हैं भाग्य
बेरमो सीट पर भाजपा से पहले भारतीय जनसंघ (जलता दिया छाप) भी चुनाव लड़ता रहा है. वर्ष 1977 के पहले डुमरी विस क्षेत्र का नावाडीह प्रखंड बेरमो विस क्षेत्र में ही आता था. 1967 के विस चुनाव में भारतीय जनसंघ के प्रत्याशी गुणेश्वर प्रसाद थे तथा 2089 वोट लाकर पांचवें स्थान पर रहे थे. 1969 के विस चुनाव में भारतीय जनसंघ ने रामलखन प्रसाद को टिकट दिया. 1833 वोट लाकर वह भी पांचवें स्थान पर रहे. 1972 के चुनाव में भारतीय जनसंघ के प्रत्याशी यमुना सिंह 7098 वोट लाकर तीसरे स्थान पर रहे थे.डिस्क्लेमर: यह प्रभात खबर समाचार पत्र की ऑटोमेटेड न्यूज फीड है. इसे प्रभात खबर डॉट कॉम की टीम ने संपादित नहीं किया है