Bokaro News : विस्थापितों ने हाइवा मालिकों के आंदोलन का किया विरोध

Bokaro News : हाइवा कोयलांचल एसोसिएशन द्वारा सीटीपीएस के ऐश पौंड में छाई ट्रांसपोर्टिंग रोके जाने के विरोध में स्थानीय विस्थापित एकजुट हो गये हैं. सोमवार को विस्थापितों ने झरनाडीह में बैठक कर एसोसिएशन के आंदोलन की आलोचना की.

By Prabhat Khabar News Desk | February 3, 2025 10:57 PM
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चंद्रपुरा. हाइवा कोयलांचल एसोसिएशन द्वारा सीटीपीएस के ऐश पौंड में छाई ट्रांसपोर्टिंग रोके जाने के विरोध में स्थानीय विस्थापित एकजुट हो गये हैं. सोमवार को विस्थापितों ने झरनाडीह में बैठक कर एसोसिएशन के आंदोलन की आलोचना की. कहा कि डीवीसी प्रबंधन पर दबाव बनाने के लिए हाइवा मालिकों ने अपने को विस्थापित कहा, जबकि ये बाहरी हैं. बैठक की अध्यक्षता श्यामलाल किस्कू व संचालन दीन दयाल सिंह ने किया. श्री किस्कू ने कहा कि आंदोलन के कारण डीवीसी प्रबंधन को नुकसान हो रहा है तथा प्रस्तावित नया प्लांट के भी इससे प्रभावित होने की संभावना है. हमलोगों ने डीवीसी को जमीन दी है और हमारा भविष्य नया प्लांट बनने से ही सुरक्षित है. इसलिए विस्थापितों ने प्रबंधन का सहयोग करने का निर्णय लिया है. उन्होंने कहा कि डीवीसी के कुछ रिटायर कर्मी चंद्रपुरा में डीवीसी की जमीन पर अवैध कब्जा कर आवास व दुकान बनाये हुए हैं. डीवीसी के क्वार्टर को भी रखे हुए हैं. प्रबंधन इसे कब्जा मुक्त कराये और उनकी पेंशन रोके. सीताराम मांझी ने कहा कि जिस मालिक ने अपने को विस्थापित कहा है, वह उसका कागजात दिखाये. बैठक में भोला सोरेन, तेजनारायण सिंह, अजीत कुमार टुडू, राम सुंदर सोरेन, सुरेश सोरेन, पांडू मांझी, भुवनेश्वर सोरेन, शंभू टुडू, अजय मरांडी, दुर्गाचरण सिंह, रवींद्र सोरेन, शिवा बास्के, सावन टुडू, राजन राम आदि थे.

छाई ट्रांसपोर्टिंग बंद रहने से परेशान है डीवीसी प्रबंधन

इधर, पांच दिनों से छाई ढुलाई बंद रहने के कारण पौंड में जमा हो गयी छाई को हटाना प्रबंधन के लिए मुश्किल हो गया है. पौंड में जमा 50 लाख मीट्रिक टन छाई को दो महीने में हटाना जरूरी है. हाल में डीवीसी प्रबंधन ने एनएचएआइ के साथ एक करार किया है, जिसमें यहां की छाई को मिरजा चौकी मुंगेर में बन रहे नेशनल हाइवे में गड्ढ़ों को भरने में उपयोग किया जाना है. इसके आलोक में यहां 15 दिनों से वाहनों से छाई भेजी जा रही थी. छाई ट्रांसपोर्टिंग का काम दो कंपनियों को मिला हुआ है. एक कंपनी अधिक छाई ढुलाई करने के लिए यहां टीप टेलर ले आयी. इसके बाद ही स्थानीय हाइवा मालिकों ने इसका विरोध शुरू कर दिया.

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