फुसरो. कारो बस्ती के विस्थापितों की बैठक रविवार को जवाहरनगर में हुई. सीसीएल द्वारा अधिग्रहित जमीन के एवज में नियोजन और मुआवजा की मांग को लेकर एक अगस्त से बीएंडके एरिया की कारो परियोजना का चक्का जाम करने का निर्णय लिया गया. विस्थापित नेता सोहनलाल मांझी ने कहा कि सीसीएल प्रबंधन जिनकी की जमीन से कोयला खनन कर रहा है, उन्हें ही अधिकार से वंचित कर रहा है. अब प्रबंधन से आर-पार की लड़ाई लड़ कर अधिकार लेंगे, अन्यथा जमीन नहीं देंगे. हर बार बैठक में प्रबंधन मिनट्स बनाता है, परंतु उस पर अमल नहीं करता है. सोरामुनि देवी ने कहा कि सीसीएल प्रबंधन तानाशाही रवैया अपना कर विस्थापितों को अधिकार से वंचित कर खदान चलाना चाह रहा है. इसे अब बर्दाश्त नहीं किया जायेगा. कारो परियोजना के लिए अधिग्रहित पुश्तैनी जमीन (खाता नंबर 14, प्लॉट नंबर 345, 289, 139, 149, 152, 130, 131, 136) के एवज में नौकरी मुआवजा की मांग को लेकर एक अगस्त को धरना दिया जायेगा. विस्थापितों ने खदान विस्तारीकरण के दौरान तोड़े गये मकान, होटल के एवज में पुनर्वास स्थल में प्लाट आवंटित करने, बीकेबी कंपनी का कोयला लिफ्टिंग का काम देने, आउटसोर्सिंग कंपनी में 75 प्रतिशत रोजगार स्थानीय को उपलब्ध कराने, परियोजना के लोकल सेल में विस्थापितों को रोजगार देने की मांग की. मौके पर बिरसा मुंडा, संतोष गंझू, उमेश गंझू, अजय गंझू, मो मजहर, रोहन गंझू, दीपक गंझू, सूरज रवानी, नीरज महतो, दिनेश कुमार, सुनील सोरेन, वर्षा सोरेन, ढेना टुडू, कुंवर मांझी, मुकेश हेंब्रम आदि मौजूद थे.
डिस्क्लेमर: यह प्रभात खबर समाचार पत्र की ऑटोमेटेड न्यूज फीड है. इसे प्रभात खबर डॉट कॉम की टीम ने संपादित नहीं किया है