जो डर गया…, समझो वही बच गया
बोकारो : कोरोना संक्रमण की श्रृंखला तोड़ने के लिए जारी लॉक डाउन में बोकारो शहर थम सा गया है. सोमवार को भी लोग सजग दिखे. सजगता अपनी रक्षा के लिए, परिवार के रक्षा के लिए, समाज और देश की रक्षा के लिए. जिन सड़कों पर गाड़ियों का तांता लगा रहता था, वह सुनसान रही. जिन […]
बोकारो : कोरोना संक्रमण की श्रृंखला तोड़ने के लिए जारी लॉक डाउन में बोकारो शहर थम सा गया है. सोमवार को भी लोग सजग दिखे. सजगता अपनी रक्षा के लिए, परिवार के रक्षा के लिए, समाज और देश की रक्षा के लिए. जिन सड़कों पर गाड़ियों का तांता लगा रहता था, वह सुनसान रही. जिन बाजारों में कभी कदम रखने की जगह नहीं होती थी, वह वीरान दिखी. लोगों की इस्पाती सोच बोकारो को बुद्धिजीवियों की नगरी बनाती है.
विषम परिस्थिति में आगे बढ़ने की सीख देती है. लॉक डाउन में ऐसा ही देखने को मिल रहा है. लोग जरूरत के सामान की खरीदारी के लिए घर से निकले तो सही, लेकिन इस दौरान भी लॉक डाउन के नियम का पालन करते दिखे. चाहे सोशल डिस्टिंक्शन की बात हो या फिर चेहरे पर मास्क का प्रयोग, हर मामले में बोकारो अपने आपको बेमिसाल साबित कर रहा है.