Jharkhand News, बोकारो न्यूज (नागेश्वर) : बोकारो जिले के गोमिया प्रखंड अंतर्गत चुटे पंचायत का अमन गांव जो पहाड़ में बसा है. यहां के ग्रामीणों को झुमरा से बेंदी हो कर चुटे पंचायत व चतरोचटी बाजार जाने में 25 किलोमीटर की दूरी तय करनी पड़ती है. इन्होंने सभी अधिकारियों व जनप्रतिनिधियों से आग्रह किया. जब कोई कार्रवाई नहीं हुई, तो ग्रामीण श्रमदान कर सड़क बना रहे हैं. इससे सिर्फ पांच किलोमीटर दूरी तय कर ये बाजार व पंचायत तक पहुंच जायेंगे.
ग्रामीणों का कहना है कि अमन से दडरा होकर चुटे व चतरोचटी बाजार तक पथ का निर्माण हो जाये तो महज पांच किलोमीटर की दूरी तय कर ये आवागमन कर सकते हैं. ग्रामीणों द्वारा कई दफा अधिकारी व जनप्रतिनिधियों का ध्यान इस ओर आकृष्ट कराया गया, लेकिन कोई पहल नहीं की गयी, तो ग्रामीणों ने श्रमदान से सड़क बनाने का निर्णय लिया. गांव के युवक प्रतिदिन जब समय मिलता है तो अमन से दंडरा पहाड़ी मार्ग को श्रमदान कर बना रहे हैं. ग्रामीणों का कहना है कि काफी कठिनाईयों से पगडंडी के रास्ते अमन से दडरा बाइक व पैदल पंचायत व चतरोचटी बाजार आते हैं, पर चार पहिया वाहन की सुविधा नहीं है.
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Also Read: Coronavirus In Jharkhand : कोरोना से तीन नाबालिग बच्चियां हुईं अनाथ, पिता के बाद सिर से उठा मां का साया, पढ़िए क्या है पूरा मामलाअमन से दंडरा पथ में युवाओं के द्वारा लगभग एक वर्ष से श्रमदान कर पथ का निर्माण किया जा रहा है. जब-जब समय मिलता है. ये युवा कार्य में जुड़ जाते हैं. अभी तक लगभग दो किलोमीटर की दूरी तक पथ को आवागमन लायक बना दिया गया है. ग्रामीणों के द्वारा बीते 17-6-2019 को तत्कालीन बीडीओ मोनी कुमारी को एक आवेदन देकर इस सबंध में ध्यान आकृष्ट कराया गया था. इसकी प्रतिलिपि सांसद व बोकारो के उपायुक्त को भी प्रेषित किया गया था. इसके अलावा पिछले 30-12-2020 को विधायक डॉ लबोदर महतो को भी लिखित आवेदन दिया गया था. जिस पर विधायक श्री महतो ने ग्रामीण विकास विभाग बोकारो को अग्रसारित कर समस्याओं के समाधान पर बल दिया था, लेकिन कोई प्रशासनिक पहल नहीं की गयी.
Also Read: माता-पिता की मौत के बाद तीनों नाबालिग बच्चे हुए अनाथ, कोरोना ने छीना आश्रह गृह, मदद नहीं मिली तो गुमला के ये बच्चे हो सकते हैं मानव तस्करी के शिकारअमन गांव के ये सभी ग्रामीण श्रमदान में योगदान दे रहे हैं. इनका नाम है मुकेश महतो, विकास महतो, मनोज महतो, विनोद महतो, विशेश्वर महतो, कौलेश्वर महतो, बिरेंद्र महतो, प्रयाग महतो, गजेंद्र महतो, तिलेश्वर महतो, नारायण महतो, जानकी महतो, मानकी, राथो एवं वासुदेव.
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