नशे की अंधी गलियों से बाहर निकल रहे बोकारो के युवा

विश्व तंबाकू निषेध दिवस पर विशेष : 2021-22 में 2293, 2022-23 में 2940 और 2023-24 में 1150 युवाओं ने छोड़ा धूम्रपान

By Prabhat Khabar News Desk | May 30, 2024 11:48 PM

रंजीत कुमार, बोकारो, धूम्रपान एक व्यक्ति, एक परिवार, एक समाज नहीं एक पीढ़ी का अंत करती है. जब एक व्यक्ति को धूम्रपान की लत लग जाती है, तो पूरा परिवार सफर करता है. बोकारो के युवा तेजी से धूम्रपान की लत छोड़ने का संकल्प ले रहे हैं. यह एनसीडी के आंकड़े बता रहे हैं. बोकारो जनरल अस्पताल व कैंप दो सदर अस्पताल के धूम्रपान मुक्ति सेंटर में धूम्रपान छोड़ने वाले युवाओं के आंकड़े रोजाना बढ़ रहे हैं. सत्र 2018-19 में 789 युवाओं ने धूम्रपान की लत से छुटकारा पाने के लिए सेंटर का शरण लिया था. वहीं सत्र 2021-22 में यह आंकड़ा बढ़ कर 2293 हो गया है. सत्र 2022-23 में 2940 व सत्र 2023-24 में 1150 युवाओं ने नशा से मुक्ति दिलाने की गुहार लगायी है. रोजाना आंकड़ा बढ़ रहा है. सीएस डॉ दिनेश कुमार व डीएस डॉ अरविंद कुमार द्वारा एनसीडी (नॉन कम्युनिकेबल डिजीज) संचालित एनटीसीपी (नेशनल टोबैको कंट्रोल प्रोग्राम) की समीक्षा करते है.

पांच साल में विभाग ने वसूले 4,80,845 रुपये

एनसीडी ने कोटपा अभियान के तहत अभियान चला कर (धूम्रपान निषेध टीम) पांच साल में 1239 चालान काटे. चास व तेनुघाट क्षेत्र में एक संस्थान पर एफआइआर दर्ज किया गया. 24 धूम्रपान बेचने वाले संस्थानों को प्रशासन ने सील भी किया है. विभाग ने पिछले पांच साल में कुल 4,80,845 रुपये की वसूली आर्थिक दंड के रूप में की, जबकि एसडीओ चास व तेनुघाट के निर्देश पर सील किये गये 24 संस्थानों से दो लाख ढ़ाई हजार की वसूली की गयी. टीम ने विभिन्न क्षेत्रों में 1027 चालान काट कर एक लाख 57 हजार 560 रुपये की वसूली की.

झारखंड में पहली बार एएसआइ बने नोडल

झारखंड में धूम्रपान करनेवालों को नियंत्रित करने के लिए एनटीसीपी में पुलिस अधिकारियों को शामिल किया गया. झारखंड का पहला जिला बोकारो है, जहां हर थाना के एक एएसआइ को एनटीसीपी का क्षेत्रीय नोडल बनाया गया है. नोडल पदाधिकारियों को जुर्माना रसीद दी गयी है, जो अर्थदंड लगाकर चालान काटती है. इसका असर भी लगातार दिखने लगा है. एसपी हर अपराध समीक्षा बैठक में भी धूम्रपान की समीक्षा करते है. पुलिस अधिकारी भी क्षेत्र में धूम्रपान के खिलाफ लगातार औचक निरीक्षण अभियान चला रहे है.

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